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Best आनन्द Shayari, Status, Quotes, Stories

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niharika nilam singh

Anand mokhra

Vachan Verma

Gurdeep Kanheri

बहुत आनंद है यूँ 
बेदिमाग बनकर रहने में
घुटकर जी रहे थे
जब जीते थे सबके कहने में

©Gurdeep #आनन्द

Kuldeep Shrivastava

good night friends #walkingalone

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इन्सान की #आर्थिक_स्थिति
 कितनी भी अच्छी हो 
         लेकिन
जीवन का सही #आनन्द लेने के 
लिए #मन की स्थिति #अच्छी
    होनी बहुत जरूरी है !!

©Kuldeep Shrivastava good night friends

#walkingalone

आनन्द कुमार

अस्त व्यस्त से रहते है,
शोधकर्ता है वो किसी से कुछ नहीं कहते है।
लोग समझते हैं कि वो अपने में ही रहते है।
सच्चाई यह है वो अपना दुखड़ा किसे गाये,
अनुसंधान में अच्छे परिणाम नहीं आ रहे,
मार्गदर्शक के अलावा किसे बताएं।

राते उनकी प्रयोगशाला में काली होती है,
ताकि अन्वेषण का परिणाम अच्छा  आये।
मगर कभी आशावादी परिणाम मिल जाते हैं
और कभी कभी निराशा हाथ लगती है।
किन्तु हारते नहीं है नये प्रयासों से उत्साहित होते है। 
                                            ............ आनन्द #आनन्द
#Anand
#Ghaziabad

आनन्द कुमार

दुनिया की रीत निराली है
इसने किसी की कदर कहा जानी है।
मछली को कहते हैं कि पेड़ पर चढ़ जा।

शेर को कहते हैं समय खराब है,
तुम फिलहाल चूहे से डर जाओ।
जंगल अब सुरक्षित नहीं है तुम्हारे लिऐ,
तुम अब गीदड़ की बस्ती में छुप जाओ।

मगर ना फंसना इनके चक्कर में,
ये वक्त आने पर गधे को भी बाप बनाते हैं।
एक दिन खुद के मां-बाप को कहीं छोड़ आते हैं।
ये कहां किसी का मोल समझ पाते है।

ये तो बस, एक दूसरे की टांग खींचने में उलझे है।
कैसे हो फायदा, इसी गणित में सभी फंसे है। 
बन जाये बड़े यही सोच कर सब भेडचाल मे लगे हैं। 
सब एक-दूसरे से कहीं ना कहीं ठगे हैं,
फिर भी इस दौड़ में सभी चल पड़े हैं।

                             ............... आनन्द #आनन्द
#Anand

आनन्द कुमार

बादलों के रथ पर सवार होकर आया है,
अरे देखो देखो सावन है ये,
काली घटाओं के वस्त्रो में तैयार होकर आया है।
जीवनदायिनी नीर अमृत बनकर छाया है।

थी वसुधा कब से प्यासी,  
मेघपुष्पं ने छलक छलक के प्रकृति को रमाया है।
मल्हार गूंजे है अत्र तत्र सर्वत्र,
तड़ित ने मेघों को थर्राया है।

बादलों के रथ पर सवार होकर आया है,
धरा की  तृप्ति के लिए हर बार आया है।
कल-कल कर के बहता रहे जीवनं ,
इसलिए अंबर  शम्बरं लाया है।
                              ............. आनंद #आनन्द 
#Anand

आनन्द कुमार

जीने की है राहें बहुत,हम जीना ही भुल गये।
खुले है मयखाने,मगर हम पीना ही भुल गये।

आस नहीं है रत्तीभर भी उबरने की,
फंसे हैं मझधार मे ,नाव खेना ही भुल गये।

याद आती है  उनकी बहुत मगर,
शायद उनसे कुछ कहना भुल गये।

 गुफ्तगू करनी तो थी बहुत,
मगर बात शुरु करना ही भुल गये।

डूबे है उन आंखों में ऐसे कि,
कम्बखत बाहर निकलना ही भूल गये

काटती है तन्हाइयां हमको बहुत,
मगर उनसे मिलना ही भुल गये।

वक्त चला है कुछ इस तरह से,
रुकना था कही मगर ,रूकना ही भूल गये। 
                            ...........आनन्द #आनन्द
#Anand

आनन्द कुमार

जीने की है राहें बहुत, जीना ही भुल गये।
खूले है मयखाने,मगर पीना ही भुल गये।

आस नहीं है रत्तीभर भी उबरने की,
फंसे हैं मझधार मे ,नाव खेना ही भुल गये।

याद आती है  उनकी बहुत मगर,
शायद उनसे कुछ कहना भुल गये।

गुफ्तगू करनी तो थी बहुत,
मगर बात करना ही भुल गये।

काटती है तन्हाइयां हमको बहुत,
अब तो उनसे मिलना ही भुल गये।

 चले है कुछ इस तरह से,
थक गये है मगर ,रूकना ही भूल गये। 
                            ...........आनन्द #आनन्द
#जिंदगी
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