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Sunil Kumar Sharma
अंग्रेजों की अंग्रेजी सीखकर, हमे अपनी भारतीय परम्परा संस्कृति नही भूलनी चाहिए। ©Sunil Kumar Sharma #NojotoHindistory #अंग्रेजों...........
Hindistory #अंग्रेजों...........
read moreRakesh frnds4ever
आज़ादी के बाद भारत में अंग्रेजों के कानून नहीं चलेंगे अंग्रेजी पुलिस व्यवस्था नहीं चलेगी अंग्रेजों की न्याय व्यवस्था नहीं चलेगी - : सरदार भगत सिंह : - पर असल में ऐसा नहीं हुआ क्यूंकि भारत कभी आज़ाद ही नहीं हुआ लीज पर मिली आजादी जल्द ही समाप्त होने वाली है,,, ओर अब नहीं लगता की लोग आंदोलन करेंगे या कुर्बानी देंगे क्यूंकि अभी लोग केवल शरीर से भारतीय है बल्कि असल में मन मस्तिष्क से अंग्रेजियत है मानसिक तौर पर गुलाम बन चुके हैं शिक्षा विचार,साइंस ,विकास ,मॉडर्न,जैसी घटिया पागल रद्दी खराब बेकार,मनुष्य व पर्यावरण के लिए जानलेवा चीजें सीख सीख कर,,, #आज़ादी के बाद #भारत में #अंग्रेजों जों के #कानून नहीं चलेंगे अंग्रेजी #पुलिस व्यवस्था नहीं चलेगी अंग्रेजों की #न्याय व्यवस्था नहीं चलेगी - : सरदार #भगतसिंह : - पर असल में ऐसा नहीं हुआ क्यूंकि भारत कभी आज़ाद ही नहीं हुआ लीज पर मिली आजादी जल्द ही
Vishal rajput
#अंग्रेजों का भारत में आगमन #(3)1अंग्रेज:- ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 16 ईसवी में महारानी एलिजाबेथ प्रथम के समय लंदन में हुई एलिजाबेथ प्रथम ने कंपनी को पूर्व के देशों में व्यापार करने का अधिकार दिया कंपनी की पहली यात्रा 1601 ईसवी में इंडोनेशिया सर्वप्रथम सूरत में प्रथम फैक्ट्री 1608 इसवी में अंग्रेज कैप्टन हॉकिंस जहांगीर के दरबार में आया जागीर द्वारा उपाधि खान इंग्लिश की उपाधि दी गई (2) द्वितीय अंग्रेज:- सर रामस रो 1615 ईस्वी में भारत आया #द्वितीय फैक्ट्री:- मुस्लिम पटनम 1611 में स्थापित हुई अंग्रेजों ने 1639 ईस्वी में मद्रास में सेंट जॉर्ज 1661 ईसवी में ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स 2nd का विवाह पुर्तगाली महारानी कैथरीन के साथ हुआ पुर्तगालियों ने दहेज में चार्ल्स2nd को मुंबई दिया 1669 ईस्वी में चार्ल्स 2nd ने मुंबई को 10 पौंड वार्षिक किराए पर कंपनी को दे दिया #बालाजी बाजी राज के बाद.... 1 बालाजी विश्वनाथ 2 बाजीराव 1fst 3 बालाजी बाजीराव 4 माधवराव प्रथम 5 माधवराव नारायण समय 1761 से 1712 तक रहा 6 बाजीराव 2nd समय 1774 ईस्वी से 1796 ईस्वी तक रहा 7 मराठों का अंतिम पेशवा था इससे प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध 1775 से 1782 के बीच सूरत की संधि हुई 1775 में रघुनाथ राव वे अंग्रेजों के बीच साला बाई की संधि 1782 महादजी सीदीया व अंग्रेजों के बीच #द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध 1803 से 1806 ईसवी तक 1802 में बेसिन की संधि हुई बाजीराव2nd व अंग्रेजों के बीच #तृतीय आंग्ल अन युद्ध का समय 1817 से 1818 इससे पुना की संधि 1817 में हुई बाजीराव2nd व अंग्रेजों के बीच........ Note:---अष्टप्रधान शिवाजी के दरबार में थे चौथ कर शिवाजी जीते हुए क्षेत्र से 1/4 कर लगाया शिवाजी ने भू संरक्षण कराने का आदेश अन्ना जी दत्त को दिया 1669 में....... #शिवाजी की मृत्यु 1680 में............✍️ like and share ©DISHA ACADEMY DADRI ✍️
V.k.Viraz
जब अंग्रेजों के सामने हुए गाँधी नेहरु फेल तब भारत को आजाद कराने आये भगत सिंह और वल्लभ भाई पटेल। सुभाष चंद्र बोष भी देश के लिए आये घर को छोड़। और लड़कर आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को दिया जवाब मुँह तोड़। Shikha Sharma indira aman6.1 Suresh Gulia Priya ये मेरी दोस्त indira के लिए। because i promised you यारा।
Shikha Sharma indira aman6.1 Suresh Gulia Priya ये मेरी दोस्त indira के लिए। because i promised you यारा।
read morePrabodh Prateek
आज़ादी के आन्दोलन के उस अविस्मरणीय योद्धा ज्वलंत देशप्रेम , अदम्य साहस , निर्भीक जोश , आदर्श के प्रति अटल निष्ठा , दृढ़ संकल्प शक्ति , ज्ञान की प्रगाढ़ता , सत्यान्वेषी मानसिकता , सांगठनिक दक्षता , छोटी उम्र में ही विचारों की गहराई, पर उनकी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अतुलनीय भूमिका और उच्च आदर्शों को याद करते हुए शत् शत् नमन ,प्रणाम करता हूँ भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए जीवनभर संघर्ष किया और उनके साहसी व्यक्तित्व, क्रांतिकारी विचारधारा, दूर-दृष्टि तथा सटीक कार्ययोजना से आज की युवा पीढ़ी को
आज़ादी के आन्दोलन के उस अविस्मरणीय योद्धा ज्वलंत देशप्रेम , अदम्य साहस , निर्भीक जोश , आदर्श के प्रति अटल निष्ठा , दृढ़ संकल्प शक्ति , ज्ञान की प्रगाढ़ता , सत्यान्वेषी मानसिकता , सांगठनिक दक्षता , छोटी उम्र में ही विचारों की गहराई, पर उनकी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अतुलनीय भूमिका और उच्च आदर्शों को याद करते हुए शत् शत् नमन ,प्रणाम करता हूँ भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए जीवनभर संघर्ष किया और उनके साहसी व्यक्तित्व, क्रांतिकारी विचारधारा, दूर-दृष्टि तथा सटीक कार्ययोजना से आज की युवा पीढ़ी को
read moreMohmad Tanveer
1857 में मेरठ की वो क्रांति, जिसने अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए रखी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव सन 1857 में मेरठ में रखी गई, जो कि बाद में पूरे देश में आग की तरह फैल गई. इसी ने अंग्रेजों के पैर भारत से उखाड़ने की भूमिका तैयार की और आखिर में 1947 में भारत को आजादी मिली. इस जंग में लाखों ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया ऐसा है मेरा मेरठ शहर मेरठ शहर उन शहीदों का शहर है जिन्होंने देश को आजादी दिलाई और देश का 🇮🇳तिरंगा आसमान में लहराया जय हिंद
मेरठ शहर उन शहीदों का शहर है जिन्होंने देश को आजादी दिलाई और देश का 🇮🇳तिरंगा आसमान में लहराया जय हिंद
read moreJiten rawat
यूँ ही नहीं मिली आज़ादी (Read in Caption) यूँ ही नहीं मिली आज़ादी हम को बड़ी लम्बी इसकी कहानी है, भारत माँ ने अपने आंचल में सपूतों के रक्त को संभाली है। आज़ादी के खातिर वीरों ने लम्बी लड़ी लड़ाई थी, भारत माँ के लाखों वीरों ने अपने प्राणों की देदी कुर्वानी थी। तब...15 अगस्त (1947) के मध्यरात्री आज़ादी पायी थी।
यूँ ही नहीं मिली आज़ादी हम को बड़ी लम्बी इसकी कहानी है, भारत माँ ने अपने आंचल में सपूतों के रक्त को संभाली है। आज़ादी के खातिर वीरों ने लम्बी लड़ी लड़ाई थी, भारत माँ के लाखों वीरों ने अपने प्राणों की देदी कुर्वानी थी। तब...15 अगस्त (1947) के मध्यरात्री आज़ादी पायी थी।
read moreShloak Vatsal
आज़ादी 1.मेहमान बनकर आये थे वे हमारे देश में,दुश्मन थे हमारे व्यापारियों के वेश में हमपर राज कर हमें फ़क़ीर बना दिया ,भारत भूमि के बीचों बीच एक लकीर बना दिया। 2.1758 के बाद उन्होंने जीती हर बाज़ी,हमारे राजाओं को कर संधि के लिए राजी स्थापित करके भारत में अंग्रेज़ी राज को,पूरी तरह बदल दिया उन्होंने हमारे आज को। 3.कई लोग उठे पर दबा दिए गए ,काला पानी में बंदी वे बना लिए गए कई बार उठी मांग हमारी आज़ादी की,पर बात सुनी नही गयी भारतीय फरियादी की। 4.भारत में अंग्रेजों का खेल यही सारा था,हम लोगों ने जब जब आज़ादी को पुकारा था, मोप्लह से लेकर जलियांवाला बाग तक उन्होंने हमको मार था। 5.उन्नीसवीं शताब्दी 1857 का साल था ,भिखारियों से बुरा हिंदुस्तानियों का हाल था हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक साथ थे,अंग्रेजों से मुक्ति के लिए हाथों में हाथ थे। 6.अंग्रेज़ी शासन हिल गया भारतीय प्रयास से ,शासन व्यवस्था निकल गयी कंपनी के पास से, भले ही इस नाकाम कोशिश में सेनाएं हमारी हारीं थीं,पर फिरभी आज़ादी की जल चुकी चिंगारी थी। 7.स्थापित हुआ राज अंग्रेज़ी रानी का ,एक नया अध्याय शुरू हुआ इस कहानी का, बेहतर राज का दिलासा दे जीता हमारा विश्वास,भारतीय भी खुश होकर लगा बैठे उनसे आस। 8.अंग्रेज़ो ने की कई कोशिशें भारतीयों को बांटने की ,राजाथान पंजाब सिंध से लेकर बंगाल को काटने की हम बंटे भी हमारा साहस डगमगाया था ,हम लोगों ने खुद को लाचार बहुत पाया था। 9.फिर कई आंदोलन हुए नेहरू गांधी सुभाष की पुकार से,खत्म हुई ये लड़ाई अंग्रेजों की हार से पर ज़हर मिलाया था अंग्रेजों ने हममे जो फूट का ,चुकाना पड़ा हिसाब भारत को टूट कर। 10.आज़ादी के बाद बढ़ रहे विकास के रास्ते ,कर देंगे कुछ भी हम भारत के वास्ते भारत के आज़ादी की कहानी कहता ये इतिहास है ,बना रहे देश आज़ाद हमारा ऐसी मुझको आस है।। ©®श्लोक वत्सल #independenceday,#15august, #britishrule
#IndependenceDay,#15august, #britishrule
read moreSanju Deswal
आज़ादी ________ अंग्रेजों से तो आज़ादी मिल गई हमे, लेकिन आज़ादी कुछ विचारों की भी तो चाहिए, आज भी बहुत जगह बेटियों को सिर्फ और सिर्फ घर का काम करने की मशीन माना जाता है उन्हें भी तो दो पल सुकुन की आज़ादी चाहिए, आज भी अगर कोई लड़का गलती से सबके सामने रो दे तो लोग हंसकर कहते हैं- अरे! चुप होजा, लड़का हो कर भी रो रहा है, मै पूछती हूं लड़का है तो क्या?? इंसान ही है ना? उसकी आंखों को भी तो कभी कभी रो देने की आज़ादी चाहिए, आज वक्त ऐसा आ गया है कि- मां-बाप, गलती होने पर भी अपने बच्चों को डांट नही सकते, क्योंकि बच्चे छोटी छोटी बातों पर मरने की धमकी देते हैं ना, उन मां-बाप को भी तो अपना ये हक जताने की आज़ादी होनी चाहिए, लड़कियां आज भी बाहर बेखौफ नहीं घूम सकती, क्योंकि कुछ आवारा लड़कों का डर होता है ना उन्हे भी तो बेखौफ जीने की आज़ादी चाहिए, बहुत खुश हूं मै के हमे अंग्रेजों से आज़ादी मिल गई, लेकिन आज़ादी कुछ विचारों की भी तो चाहिए। जय हिंद। ©SanjuDeswal #freedom #aazadi #happyindependenceday #sanjudeswal #nojotopoetry #mypoetry #freeindia #indianwriters
Ankita Sharma
ना मिली यूं ही ,ये आजादी हमें भारत मां के नौजवानों ने लाशों अपनी के ,ढेर लगाए हैं मिल गई आजादी हमें अंग्रेजों की गुलामीयो से अरे मर मिटा हर भारतीय हिंदुस्तान से अंग्रेजों को भगाने में सफलता मिली 15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेजों को भगाने में झूम उठा हिंदुस्तान सारा अंग्रेजों से आजादी मिलने पे happy independence day #independence