Find the Best बाजारों Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutबाजारों में मेरी बहना है, बाजारों की लड़ाई, बाजारों की संरचना, बाजारों के भजन, बाजारों के गाने,
साहस
बाजारू महबूब तलाश रहे, कदर नहीं दिलदारों की, भटक रहे बंजारे बनकर, पहचान नहीं,खुद को भी रहे। #ढूंढ#महोब्बत#बाजारों#बिकती# #YourQuoteAndMine Collaborating with 123_ Joy #archanaj1 #buddymantra Collaborating with Archana Jaiswal
#ढूंढ#महोब्बत#बाजारों#बिकती# #YourQuoteAndMine Collaborating with 123_ Joy #archanaj1 #buddymantra Collaborating with Archana Jaiswal
read moreआशीष गर्ग 'रायसाहब'
#आशु #स्वरचित #आम_आदमी मैं कोई शायर नही जिसकी शायरी पर वाहवाही हो मैं कोई नेता नही जिसके #भाषण पर तालियां हो मैं कोई अभिनेता नही जिसकी एक्टिंग पर सीटियां बजें मैं कोई आशिक़ नही जिसपर कहानी लिखी जाए मैं हूँ एक आम इंसान जिसकी पूछ परख कहीं भी नहीं जानता नहीं जिसे कोई रोज जूझता है जो बाजारों से हर चीज बाजार की जिसे मंहगी लगने लगी है बस अपनी ही मेहनत उसे अब छोटी लगने लगी है मैं वो किसान हूँ , जिसे #फसल का भाव नही मिलता मैं वो दुकानदार हूँ जो रोज मन्दी की मार झेलता है मैं वो #तरकारी वाला हूँ जिसका ठेला भरा का भरा रह जाता है मैं वो ग्राहक हूँ जो अपनी ख्वाहिशों को मार देता है मैं वो पागल इंसान हूँ जो #बिजली का बिल ज्यादा आने पर भी भर देता है मैं वो बेख्याल हूँ जो 1.5Gb नेट में सब भूल जाता है जो हो रहा है आजकल देख कर भी आंखे मूंद लेता है मैं वही आदमी हूँ जो #ट्रैफिक पुलिस को देखकर राह बदल लेता है मैं वही इंसान हूँ जो घूमता है बाजारों में खानाबदोश सा घर से लंबी लिस्ट बना समान अपनी जेब के हिसाब से खरीदता है झूठ बोल देता हूँ घर पर की ये समान मिला ही नही बाजार में मैं वही हूँ जो मुस्कुरा देता हूँ अपने बच्चों का चेहरा देखकर भूल जाता हूँ मैं अपना हर गम ,शिकवे शिकायतें ,सब चाहतें मैं वही तो हूँ जो टूटी हुई चप्पलों से साल गुजार देता है लेकिन अपनी बेटी को बाजार से महंगे सैंडल दिलवा कर लाता है बात करता हूँ मंहगी शिक्षा की लेकिन अपने बच्चे सरकारी में पढ़ाता है अरे वही तो हूँ जो 370 हटने की खुशी मानता है लेकिन वो भी हूँ जो ट्रैफिक के मंहगे चालानों से डरता है कौन पूछता है मुझे इस शहर की भरी हुई सड़कों पर लेकिन चुनावों के वक़्त नेता लोग से तलवे चटवाता है बाद में वो घास न डालें लेकिन इतने में ही खुशी मनाता है मैं कौन हूँ ये तो मैं भी नही जानता सरकार कहती है की मैं एक आम आदमी हूँ हाँ मैं हूँ आम जो खास आदमियो के काम आता है सड़को पर आजकल धरने प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है परवाह किसीको नही मेरी लेकिन हर जगह बात मेरी ही होती है #संसद में बातें आम आदमी की भलाई की होती है भला तो लेकिन मालूम है सबको किसका हो रहा है मैं हूँ या नहीं हूँ फर्क किसको पड़ता है यहां मेरे मरने पर कौन इक्कीस #तोपों की सलामी देगा मिल जाएं चार कंधे इतना ही मेरे लिए काफी है जय हिंद #copyright #ashish_kumar #आदमी
Lalit Rajput
जब तक किसी रिश्ते में बचपना जिंदा है तब तक ही वो रिश्ता जिंदा है जैसे ही रिश्ता समझदारी की ओर बढता है फिर वो बाजारों में बिकता है हर खुशी को पैसों से आंकते है हर अहसास को नोटों से जोड़ते है कई दिल लुटते है और कई बाजारों में बिकते हैं। ललित राजपूत रिश्ता और पैसा...
रिश्ता और पैसा...
read morekhemchandra
#बहोत से 🎴#इक्के और बहोत 👑से #बादशाह 😠घूम रहे है 🌇बाजारों💯में आजकल ✔ 😏उनसे #कहदो☝🏻 इन #बाजारों की 🚧"दीवारें" भी 😘हमारा "नाम" #जानती है..!
Sapan Kumar
जज्बातों से खेलना तो कोई तुमसे सीखे , तुम्हारे लिए तो मुहब्बत जैसे बाजारों में बिके, देखना तुम्हारा चाहत भी आम हो जायेगा और एक दिन तुम्हारा प्यार भी बाजारों में नीलाम हो जायेगा
M.K.Arya...वज़ा
जब दिल दिमाग अभिशापित हो फिर भेष बदल कर क्या होगा जब अपने लोग कमीने हो फिर देश बदल कर क्या होगा। जिस आग में जल कर के सोना भी राख राख हो जाता है
read moreHimanshu Chaturvedi
हां हूं मैं जिस्म बेचती इन भूखे बाजारों में के हां हूं मैं करती सौदा हवस अंगारों में पर तुम जैसी ही पली बड़ी थी एक छोटे से गांव में धमाचौकडी करती थी... मैं...खूब शरारत करती थी मां के आंचल की छावों में (READ CAPTION) हां हूं मैं जिस्म बेचती इन भूखे बाजारों में के हां हूं मैं करती सौदा हवस अंगारों में पर तुम जैसी ही पली बड़ी थी एक छोटे से गांव में धमाचौकडी करती थी... मैं...खूब शरारत करती थी मां के आंचल की छावों में मैं चिरैया नन्ही सी थी... चाह थी गगन में उड़ने की खूब किताबें लाती थी....चाह थी बड़े स्कूल में पड़ने को पर कुछ हुआ यूं कि सपने सारे चुर हुए गिरी चिरैया धरती पर...गिरते ही पंख फिर धुर हुए
हां हूं मैं जिस्म बेचती इन भूखे बाजारों में के हां हूं मैं करती सौदा हवस अंगारों में पर तुम जैसी ही पली बड़ी थी एक छोटे से गांव में धमाचौकडी करती थी... मैं...खूब शरारत करती थी मां के आंचल की छावों में मैं चिरैया नन्ही सी थी... चाह थी गगन में उड़ने की खूब किताबें लाती थी....चाह थी बड़े स्कूल में पड़ने को पर कुछ हुआ यूं कि सपने सारे चुर हुए गिरी चिरैया धरती पर...गिरते ही पंख फिर धुर हुए
read moreMr. Sadu
जिस्म तो बिकते है। बाजारों में कभी रूह को देखा है? बिकते हुए बाजारों में। by Mr. Sadu #poetry #quotes #love #nojoto #nojotohindi #MrSadu
Aditya Pandey
आज शिक्षा बिक रही है बाजारों में..... शिक्षा का है व्यापार बड़ा हर कोई अपनी दुकान ले कर है खड़ा कैसे कोई पा सकेगा अपना मार्गदर्शक, है भीड़ यहां हजारो में आज शिक्षा बिक रही है बाजारों में... #Education #Nojoto #nojotohindi #poetry #kavishala
#Education #nojotohindi #Poetry #kavishala
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited