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kumaarkikalamse
मेरे लिए लिखते हो, मुझे पढ़कर तुम..! #YQBaba#Kumaarsthought #Kumaarmicrotale #लिखते #पढ़कर #kumaaronlove
Deepu Jangra
किताब वो जज्बातों की पढ़ के तो देखना, एक एक पन्ने, एक एक पंक्ति में तेरा ज़िक्र मिलेगा लिखावट मेरे हालातों की पढ़ के तो देखना। किताब #किताब #जज़्बात #हालात #लिखावट #पढ़कर #yqdidi #yourquotedidi #yqhindi
Ekta Gour
पढ़कर भी कुछ, समझ नही पाता अब किताबों में हमे, मन लगाना नही आता.. #मन #किताब #पढ़कर #yqhindi #yqdidi #yqquotes
अविनाश पाल 'शून्य'
माना किताबें पढ़कर पा लीं तमाम डिग्रियाँ तुमनें गर लोगों को न पढ़ सके तो हुनर कैसा ? #सर्वाधिकारसुरक्षित #स्वरचित © #किताबें #तमाम #डिग्रियाँ #हुनर #शून्य #पढ़कर
#सर्वाधिकारसुरक्षित #स्वरचित © #किताबें #तमाम #डिग्रियाँ #हुनर #शून्य #पढ़कर
read moreGumnam Shayar Mahboob
तकलीफ़ तो होती ही है साहब....!! जब कुछ रोकर लिखा जाए और कोई पढ़कर मुस्कुराए #तकलीफ़ #साहब #रोकर #लिखा #पढ़कर #मुस्कुराए #gumnam_shayar_mahboob #गुमनाम_शायर_महबूब
Er Raj Verma
जिंदगी में अगर कोई अच्छा लगे तो उसे सिर्फ चाहना प्यार मत करना क्योंकि प्यार "खत्म" हो जाता है। लेकिन चाहत कभी "खत्म" नहीं होती it's me Raj 👈🖋️ #पढ़कर पसंद आए तो।।। comments krna.... #
#पढ़कर पसंद आए तो।।। comments krna.... #
read moreManeesh Ji
अब थोड़ा ख़ुद को सम्भालकर आना " दोस्तों " अगर आपने मेरा ग़म पढ़कर आँसू बहायें तो दर्द मुझे भी होगा - MERI SHAYARI MERI DASTAAN मेरी #PROFILE पर अब से थोड़ा #ख़ुद को #सम्भालकर आना #दोस्तों अगर आपने मेरा #ग़म #पढ़कर #आँसू बहायें तो #दर्द #मुझे भी होगा
Balराम Sisauदिया
#OpenPoetry "" एक पगली सी जूनियर लड़की और नज़रों की मुलाक़ात "" ( Please Read full in caption ) """" एक पगली सी जूनियर लड़की और नज़रों की मुलाक़ात """" दोस्तों आज मैं अपनी एक छोटी सी याद साझा करने जा रहा हूं, कृपया पूरी पढ़कर मेरी भावनाओं को समझने की कोशिश करे। धन्यवाद आप सबका मुझे याद है वो लड़की , जो हर रोज मुझे देखा करती थी,
"""" एक पगली सी जूनियर लड़की और नज़रों की मुलाक़ात """" दोस्तों आज मैं अपनी एक छोटी सी याद साझा करने जा रहा हूं, कृपया पूरी पढ़कर मेरी भावनाओं को समझने की कोशिश करे। धन्यवाद आप सबका मुझे याद है वो लड़की , जो हर रोज मुझे देखा करती थी,
read moreAnjali Sheetal Kerketta
एक कहानी पुरानी डायरी से ये 2008 की बात है जब मैं मैटिक लिखकर छुटटी बिताने अपने बुआ के साथ हटिया से बोकरो जा रही थी ।मेरी बुआ जो एक शिक्षिका है । मैं अपनी बुआ के साथ वर्दमान टे्न से जा रही थी ।बहुत खुश थी मैं । मुरी स्टेशन पर एक बूढ़ी महिला टे्न में चढ़ी।वह घूम -घूमकर पैसा मांग रही थी।मैं उनको देखी तो ऐसा लगा वह मांगना ना चाहती हो ।मुझे ऐसा लगा कि उनसे बात करू।मुझसे रहा नही गया ।मैं बोली यहां बैठिये। वो बूढ़ी मां मेरे बगल बैठ गयी।मैंने कहा आप कुछ कहना चाहती है ।वो चुप थी।फिर बोली बेटी! मेरी इस हालात की जिम्मेदार मैं हूं मेरा बूढ़ापा है। मैने कहा क्यों ऐसा सोचती हो। फिर उसने अपनी कहानी बताई उसका एक बेटा है।उसके लिए वह घर जाकर - जाकर बरतन धोयी ,कपड़े धोयी ताकि वह अच्छी तरह से पढ़कर एक अच्छा इंसान बने। वह पढ़कर नौकरी करने लगा।।नौकरी करते हुए उसे एक लड़की से प्रेम हो गया।मैने उसकी शादी करा दी। सब ठीक रह चला था मैं घर के काम करती वे दोनो नौकरी में जाते।मैं धीरे -धीरे वृध्दा अवस्था में आ गयी।अब मुझसे ज्यादा काम नही होता था।एक दिन मेरे बेटे ने कहा "मां अब तेरा बोझ मैं नही उठा पाऊंगा।" ना चाहकर भी मुझे घर छोड़ना पड़ा। काश ये बुढ़ापा आता ही नही। मैं रो पड़ी और सोच में डूब गयी "कोई बेटा कैसे इतना निरदयी हो सकता है धूप में जलकर जिसने सीचां उसे ,उसने ही धूप में जलने को छोड़ दिया। ऐसी संतान से अच्छा निसंतान होना है। दोस्तो माता- पिता हमारे लिए सबकुछ करते है लेकिन क्या हम उनके बुढ़ापे में सहारा नही बन सकते एक दिन हमें भी तो उसी अवस्था में जाना है।
Azeem Khan
तालिब - ए - इल्म हो तो गए हो चंद किताबें पढ़कर । छोड़ो तुम ना दिखा पाओगे चहरे की लिखावट पढ़कर । azeem khan आ तालिब - ए - इल्म
तालिब - ए - इल्म
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