Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best सबेरे Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best सबेरे Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutसबेरे meaning in english, होते सबेरे पिया,

  • 7 Followers
  • 58 Stories

Jayant Mehra

NOJOTO #nojot official pari gupta अभिषेक राय Nandini priya Shiva Mishra Rupam kumari

read more
मुस्कुराके , खिलखिलाक़े चली गई वो
नींद में सबेरे सबेरे मिलजुलाक़े चली गई वो
एक तोहफा मेने मेरे सिरहाने रखा था
जल्दी जल्दी में उसे गिराके चली गई वो
बाहर तेज़ बारिश ने कुछ देर रोका था उसे
छाते का बहाना बनाके चली गई वो
घर के पीछे मेरा बागीचा सूखा पड़ा था
उसमें कुछ गुलाब के फूल लगाके चली गई वो
साहब इस शहर में इश्क़ सबके नसीब में नहीं
दूर से ही हाथ हिलाक़े चली गई वो
पानी का गिलास आधा खाली रखा था
आधे में शराब मिलाके चली गई वो
`जयंत~ #NOJOTO #Nojot #Nojotoofficial

pari gupta अभिषेक राय Nandini priya Shiva Mishra Rupam kumari

STRK

सबेरे सबेरे

read more
किसीने बुलाया सबेरे सबेरे
थ सपने दिखाया सबेरे सबेरे
थी साँसे थी धड़कन थमी की थमी
थ यूँ आजमाया सबेरे सबेरे
nish_pandit सबेरे सबेरे

I.P. Nirala

दिल की डायरी से

read more
आज सबेरे- सबेरे मैने अपने को जगाया।
और एक अकाट्य सत्य अपने को समझाया।
कि ये प्यार मुहब्बत  सब है एक मोह- माया।। दिल की डायरी से

Gurmeet Sheokand

read more
गर्लफ्रेंड के ख्याला आळे राह प चालण त घणा एंडी सकूँन दे ह.....

सबेरे सबेरे खेत आळे रास्ते प चालणा..😊✌️

Rituraj kumar

Smile quotes in hindi कुछ ख्वाब है मेरे, कुछ राज है तेरे 
आ गले लग जा सबेरे-सबेरे। #NojotoQuote #समझौता

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 2 -उलझन में राम श्याम दोनों आकर द्वार के बाहर खड़े ही हुए थे कि एक तितली कहीं से उड़ती आयी और दाऊ की अलकों पर बैठ गयी। कन्हाई यह कैसे सहन करले कि यह क्षुद्र प्राणी उसके अग्रज के सिर पर ही बैठे; किन्तु तितली को हटाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वह अलकों से उड़ कर इसके दाहिने हाथ की नन्हीं मध्यमा अँगुली पर ही आ बैठी। इतनी सुकुमार, इतनी अरुण अँगुली - तितली को बैठने के लिए इससे अधिक मृदुल, सुन्दर सुरभित कुसुम भला कहाँ मिलने वाला है। अब श्याम उलझन में पड़ गया है। यह अपनी अँगुली पर बैठी इस छो

read more
|| श्री हरि: ||
2 -उलझन में

राम श्याम दोनों आकर द्वार के बाहर खड़े ही हुए थे कि एक तितली कहीं से उड़ती आयी और दाऊ की अलकों पर बैठ गयी। कन्हाई यह कैसे सहन करले कि यह क्षुद्र प्राणी उसके अग्रज के सिर पर ही बैठे; किन्तु तितली को हटाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वह अलकों से उड़ कर इसके दाहिने हाथ की नन्हीं मध्यमा अँगुली पर ही आ बैठी। इतनी सुकुमार, इतनी अरुण अँगुली - तितली को बैठने के लिए इससे अधिक मृदुल, सुन्दर सुरभित कुसुम भला कहाँ मिलने वाला है।

अब श्याम उलझन में पड़ गया है। यह अपनी अँगुली पर बैठी इस छो

Vikas Rawal

कविता- उफ्फ ये तुम और तुम्हारी याद। यूँ तो जब भी आया करती है, तुम्हारी याद अक्सर, शाम ही में आया करती है। आज ना जाने इसे क्या हुआ है, जो सबेरे सबेरे ही आ गयी, तुम्हारी याद भी अब,

read more
 कविता- उफ्फ ये तुम और तुम्हारी याद।

यूँ तो जब भी आया करती है,
तुम्हारी याद अक्सर,
शाम ही में आया करती है।
आज ना जाने इसे क्या हुआ है,
जो सबेरे सबेरे ही आ गयी,
तुम्हारी याद भी अब,


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile