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Krish Vj
हो रही है बारिश है घनघोर फिर भी मैं एक बूँद का प्यासा हूँ...!! #बारिशें #भिगो #YourQuoteAndMine Collaborating with Shradha Pathak
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#मौसम ए #इश्क़ है तू #ज़िंदगी में एक #कहानी बन के आ, #भिगो दे जो मेरी #रूह को तू वो #बूँद, वो #पानी बन के आ...✍️ ❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD #मौसम ए #इश्क़ है तू #ज़िंदगी में एक #कहानी बन के आ, #भिगो दे जो मेरी #रूह को तू वो #बूँद, वो #पानी बन के आ...✍️ ❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🌺
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Dr Manju Juneja
कल रात से आसमां रो रहा है मेरे शहर की धरती को भिगो रहा है #बरसात #आसमान #रात #भिगो #धरती #रो #शायरी #hindi_shayari #nojotoshayri
#बरसात #आसमान #रात #भिगो #धरती #रो #शायरी #hindi_shayari #nojotoshayri
read moreRimpy Ankur Leekha
बारिश की बूंदे मेरी उम्र पूछे बिना मेरे आंगन में आई । मेरा मन तो भिगो गई पर तन ना भिगो पाई। क्योंकि मेरे आंगन पर कई आंखों का पहरा है। संस्कारों की दहलीज का प्रभाव भी गहरा है। कितनी निर्लज है यह बारिश, इसे कहो मेरे आंगन में ना आया करे। जहां खुशियां करें छपाक छपाक , बस वही जाया करें । मेरा मन तर हो जाता है, गहरा जाते हैं ढेरों सवाल । इस प्रकृति को भी रखना चाहिए, मेरी उम्र का ख्याल। या तो ये नियम खोखले हैं या फिर यह कुदरत झूठी । जाने क्यों मेरी उम्र ने ही मुझसे मेरी खुशियां लूटी। 🖋️ रिम्पी लीखा
SnehaD Gupta ( writer)
हाँ ये सावन ही तो है... हाँ ये सावन ही तो है, जिसमें दिल के सारे गम बारिशों के बुंदों में घुल जाते हैं। आंखों के नमकीन आंसू में भी मिठास भर जाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो बचपन की सारी बचकानी बातें याद दिला देती है, वो बारिशों वेखौफ भिगना, वो कागजो के नाव बनाना और उसे यु पानी में तैराना जैसे अपने सपने तैर रहे हो। हाँ ये सावन ही तो है, जो अंदर की सारी उमंग को बाहर लाकर खुद में भिगो देती है। जिसमें प्यार का हर रंग दिख जाता है और प्यार के सारे गीत होंट गुनगुनाने लगते हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जो सदीयों से अपने बूंदों के साथ खुशीयां बरसाती है। जो अच्छे-बुरे का भेद ना करके सबको खुद में भिगो देतीं हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जिसकी हर एक बुंद मेरे रोम रोम को थिरकने पर मजबूर कर देती है। जो बदन में अपने स्पर्श से किसी को यादों के झूले में हमे झूलाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो हर किसान के होंटों पर मुस्कान और उनके खेतों में हरियाली लेकर आती है। जिसमें खेत रोपते वक्त रोपनियों के खुशीयों के गीत खेतों में गुनगुनाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जिसके बूंदों में भीग कर कुछ बिमार तो कुछ अपनी थकान भूल जाते हैं। और बच्चे- बुढे सब सावन की पहली बारिश के आनंद में खो जाते हैं। स्नेहा गुप्ता #Sawan#Special #Joy #Fun #Masti #Love #Rain
Pravin Kumar
प्रिया मिलन के भाव समेटे, जब प्रियतम की ओर चली। उर आनन्दित मन में हलचल खिल गई अलौकिक नेह कली ॥ नयन निहारेंगें उस छबि को अगम अपार स्नेह भर के। हृदय तृप्त होगा उस पल मेंं कर गहि अंक लगा कर के॥ चाँद पास आता धरती के लहरें तभी उठा करती हैं । आकुल मन का मीत बुलाये तब उर प्रीति बढ़ा करती है ।। सपने भी स्वर्णिम हो जाते यदि बाँहों में वो आ जाये । उर की कली कली खिलती है नयनों में बसन्त छा जाये ।। तुम स्नेह भरे उर को लेकर सपनों में उमड़ते आते हो । अन्तर बाहर को भिगो भिगो अस्तित्व को महका जाते हो।। अन्तर्मन में खिलते गुलाब मन भ्रमर देख ललचाता है । तन मन उपवन बन जाते हैं पल पल बसन्त छा जाता है ।।
Monika Chopra
कितनी खूबसूरत होती हैं न ये बारिश की बूंदे कितनी पाक कितनी पवित्र जैसे तुम्हारा प्रेम मेरे लिए जो सिर्फ देना चाहता है हर ख़ुशी मुझे ज़माने भर की जो मुझे ले जाना चाहता है उस छोर पर जहाँ से शुरू होती है जीवन की यात्रा ऐसा ही है तुम्हारा प्रेम मेरे लिए निस्वार्थ , अटूट और दृढ़ जैसे ये बुँदे भिगो देती है तपती हुई धरा को अपनी शीतलता से वैसे ही भिगो देते हो तुम अपने शब्दों से अपने अहसास से ऐसा ही है तुम्हारा प्रेम !!!!!
Anuradha saxena
#2 " तड़प और राहत " यह देख मुझे डर सा लगा और सारी नाराजगी छोड़ इसके लिए पानी और एक कपड़ा लेते आई। फिर हौले हौले उसके माथे पर कपड़े भिगो भिगो कर रखने लगी। कुछ घंटों बाद जब लगा कि अब अच्छे से सो रही है. तब मैं भी उठी और सोने चल पड़ी,पर विस्तर से उतरते ही उसने मेरी हाथ पकड़ धीमी से आवाज में बोली "सुनो कुछ देर और रुक जा ना"। फिर क्या उसकी बातों में इतनी मासूमियत देख मैं खुद को रोक ना पाई और उसके हाथों को थाम, उसके गालों को थपथपाते हुए सीने पर सिर रखकर सो गई। #2 तड़प और राहत #lgbt#lesbian#hindi#poem#nojoto