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Jiten rawat
Alone and You ( ग़ज़ल ) ऐसे जो मुह लटका के आये हो तुम, लगता है मुहब्बत के सताए हो तुम। दिल लगाने को तो सारा जहां बाकी है, अभी से ही इतना क्यों घबराए हो तुम। यूँ एक ठोकर से सफ़र खत्म नहीं होता, नये हो, अभी तो सफ़र में आये हो तुम। मुहब्बत से हार कर इतना उदास क्यों हो, अभी तो इश्क़ की दुनिया मे आये हो तुम। सब का प्यार मुकम्मल नहीं होता है, मुहब्बत में अकेले नहीं हारे हो तुम। अपना इरादा ऐसे बुलंद रखना की, जैसे: दुनिया को जीतने आये हो तुम। #nojoto#ghazal ( ग़ज़ल ) ऐसे जो #मुह लटका के आये हो तुम, लगता है मुहब्बत के #सताए हो तुम। #दिल लगाने को तो #सारा_जहां बाकी है, अभी से ही इतना क्यों #घबराए हो तुम।
Kh_Nazim
इश्क तेरा उदास चेहरा मुझे अहज़ान करता है, बिन तेरे मैं गुमगश्ता रहता हूं होता अक्सर काफ़िलों के साथ हूं फिर भी खुद में आजब रहता हूं, क्या बताऊँ किसी को हवाओं में, गर्दिशों का राज-ए-नाज़िम अस्ल-ए-गैरत से तब आफ़ताब पाया है। अपनी दिल लगी की, क्या दस्ता सुनाऊ ज़माने को मैं टुटा नहीं नाज़िम था, सहारा-ए-दोस्ती का, आवाज़ह-ए-आशुफ़्ता फैलाई है लोगों ने इत्लाफ़-ए-इश्क से जो घबराए है। इश्क तेरा #उदास चेहरा मुझे #अहज़ान करता है, बिन तेरे मैं #गुमगश्ता रहता हूं होता अक्सर #काफ़िलों के साथ हूं फिर भी मैं खुद $आजब रहता हूं, क्या बताऊँ किसी को #हवाओं में, #गर्दिशों का राज-ए-नाज़िम
RAKESH KUMAR
जीवन में जब भी हम खराब दौर से गुजरते हैं तो हमारे मन में यह ख्याल जरूर आता है कि ऊपर वाला हमारी परेशानी क्यों नहीं देखता मेरे दुःख कम क्यों नहीं करता पर शायद हम यह बात भूल जाते है कि परेशानी और दुःख का समय हमारी परीक्षा है और परीक्षा के समय शिक्षक हमेशा मौन ही रहते है इसलिए कठिन रास्तों से ना घबराए ,हर कठिन रास्ते का अंत एक खूबसूरत मंजिल पर होता हैं हमेशा यह बात याद रखना आसानी से मिली हुई चीज की इंसान कभी कदर नहीं करता चाहे वह दौलत हो ,इज्जत हो या प्यार हो ....इसलिए जो मिला है उसकी कदर करो! ✍️🎯
जीवन में जब भी हम खराब दौर से गुजरते हैं तो हमारे मन में यह ख्याल जरूर आता है कि ऊपर वाला हमारी परेशानी क्यों नहीं देखता मेरे दुःख कम क्यों नहीं करता पर शायद हम यह बात भूल जाते है कि परेशानी और दुःख का समय हमारी परीक्षा है और परीक्षा के समय शिक्षक हमेशा मौन ही रहते है इसलिए कठिन रास्तों से ना घबराए ,हर कठिन रास्ते का अंत एक खूबसूरत मंजिल पर होता हैं हमेशा यह बात याद रखना आसानी से मिली हुई चीज की इंसान कभी कदर नहीं करता चाहे वह दौलत हो ,इज्जत हो या प्यार हो ....इसलिए जो मिला है उसकी कदर करो! ✍️🎯
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जीवन में जब भी हम खराब दौर से गुजरते हैं तो हमारे मन में यह ख्याल जरूर आता है कि ऊपर वाला हमारी परेशानी क्यों नहीं देखता मेरे दुःख कम क्यों नहीं करता पर शायद हम यह बात भूल जाते है कि परेशानी और दुःख का समय हमारी परीक्षा है और परीक्षा के समय शिक्षक हमेशा मौन ही रहते है इसलिए कठिन रास्तों से ना घबराए ,हर कठिन रास्ते का अंत एक खूबसूरत मंजिल पर होता हैं हमेशा यह बात याद रखना आसानी से मिली हुई चीज की इंसान कभी कदर नहीं करता चाहे वह दौलत हो ,इज्जत हो या प्यार हो ....इसलिए जो मिला है उसकी कदर करो! ✍️🎯
जीवन में जब भी हम खराब दौर से गुजरते हैं तो हमारे मन में यह ख्याल जरूर आता है कि ऊपर वाला हमारी परेशानी क्यों नहीं देखता मेरे दुःख कम क्यों नहीं करता पर शायद हम यह बात भूल जाते है कि परेशानी और दुःख का समय हमारी परीक्षा है और परीक्षा के समय शिक्षक हमेशा मौन ही रहते है इसलिए कठिन रास्तों से ना घबराए ,हर कठिन रास्ते का अंत एक खूबसूरत मंजिल पर होता हैं हमेशा यह बात याद रखना आसानी से मिली हुई चीज की इंसान कभी कदर नहीं करता चाहे वह दौलत हो ,इज्जत हो या प्यार हो ....इसलिए जो मिला है उसकी कदर करो! ✍️🎯
read moreAnand Mohan Jha
#kalakakshNoida जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को।
read moreKiran Bala
झाँसी की रानी थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली लैप्स की आड़ में, झाँसी थी ले ली दत्तक पुत्र को ले संग-साथ छबीली नाना ,ताँत्या, के संग बना के टोली बन रण-चण्डी, रक्त की खेली होली घबराए फिरंगी,फौज वापस थी ले ली थे धूर्त फिरंगी चाल फिर वापिस खेली घेरा रानी को तब जब वो थी अकेली कर वार पर वार बच निकली छबीली पर दुष्टों ने घोड़े की जान थी ले ली ले नया घोड़ा वो बढ़ चली अकेली था नाला सामने जिद घोड़े ने कर ली घिर चुकी थी अब वो मनु फुर्तीली हारी नहीं, अन्त तक लड़ी अलबेली घबराए ह्यूरोज ने कटार पीछे से फेंकी मरते हुए भी प्राण उसके वो ले गई है धन्य धरा आज भी तुमसे छबीली अमिट रहेगी,सदैव यश-गाथा तेरी थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली
थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली
read moreAnand Mohan Jha
जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को। मेरी ये ख़्वाब सजाओगी।। तुम छोड़ के तब वो गुस्सा अपना , क्या मुझसे मिलने आओगी।। Love never die a natural death जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को।
Love never die a natural death जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को।
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