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बेजुबान शायर shivkumar
White हम उसे रोज खुद से ज्यादा चाहते रहे और वो हमसे दूर जाता गया । ठीक वैसे ही जैसे हम चांद को निहारते रहे और वो बादलों में गुम होता गया ।। ©Shivkumar #Moon #moonlight #Nojoto #nojotohindi हम उसे रोज #खुद से ज्यादा #चाहते रहे और वो हमसे #दूर जाता गया । ठीक वैसे ही जैसे हम #चांद को #निहारते रहे
#Moon #moonlight #nojotohindi हम उसे रोज #खुद से ज्यादा #चाहते रहे और वो हमसे #दूर जाता गया । ठीक वैसे ही जैसे हम #चांद को #निहारते रहे
read moreS A T V I R . S I N G H
उसकी चेहरे को निहारे थकता नही हूँ अब भी, आसमां ऊपर है कफन से ढकता नही हूँ अब भी, धीरे धीरे मिट्टी सरक रही है मेरे आँखों के ऊपर, बक्श दे मुझे ऐ मौला सूली चढ़ा नही हूँ अब भी, ©Satvir Singh जिंदगी। #spark #जिंदगी #कफ़न #निहारते #मिट्टी #सूली
Lotus banana (Arvind kela)
कुछ लोग जीवन की नदी में #नहा कर निकलते हैं - कुछ #चेहरा_धोते हैं, कुछ केवल #हथेलियाँ और कुछ दूर खड़े बहाव #निहारते हैं !!! #ShiningInDark
ROHAN KUMAR SINGH
#चार भूखे #वानरों के बीच #केला का #वितरण कर उन्हें #निहारते कुछ #दयालु_आत्मा.............. धन्य है इंसान 😂😂😂😂😓
Reena Patel
यू आस भरी नजरों से हम निहारते से चले गए।। बिन पलके j झबकाय बस इंतजार करते गए ।। यह क्या .......... अचानक से कोई हमारे सामने आ गया ।। और हम कुछ कह भी न सके , यह क्या .......... अचानक से फिर कोई अंजाना सा, अनदेखा सा, अपना सा कोई फिर से ओझल हो गया।। और बस हम यू ही आश भरी नजरों से , यूं ही नैना लगा ए बीन जब काए निहारते सेचले गए।। @_kuchbaateindilki_ #इंतजार#कुछ बात दिल की 💕💕
अभिषेक सिंह
ले आओ कुछ तरसीद जो तुमने संभाल कर रखा है, शायद गुजर जाय वक़्त उन्हें निहारते निहारते, तरसीद:- पुराने खत
Khushbu Rawal Khushi
Read in caption सूरज की रोशनी में चांद की चांदनी की चमक तुम ना समझो,ऐसा ना हो। (Aiming to go out of India than studying here) बाहरी खूबसूरती निहारते निहारते,अंदर की सुंदरता तुम ना देखो,ऐसा ना हो। (Neglecting beauty of India) देश को हीरा बनाने की दौड़ में देश के हीरों को कई खो ना दो,ऐसा ना हो। (Outsourcing employees of India) हीरो हीरोइनों की चकाचौंध में , देश के असली हीरो को नजरअंदाज करो,ऐसा ना हो।। (Value and respect of soldiers,officers etc) कुछ खेलो की लोकप्रियता से ,बाकी खेलो से आंखमिचौली खेलो, ऐसा ना हो। (Ignoring champions of other games gold medalist) खुद की आजादी की खुशी में,देश के कुछ हिस्सों में आजादी के मायने पता भी न हो,ऐसा ना हो (Discrimination through caste creed religion, dominating rich to poor) स्वतंत्र का असली जश्न का जोश का सही एहसास तब होगा,जब पूरे देश के हर नागरिक में देश प्रेम का जोश बरपुर हो (Be proud to be indian) Read in caption सूरज की रोशनी में चांद की चांदनी की चमक तुम ना समझो,ऐसा ना हो। (Aiming to go out of India than studying here) बाहरी खूबसूरती निहारते निहारते,अंदर की सुंदरता तुम ना देखो,ऐसा ना हो।
Read in caption सूरज की रोशनी में चांद की चांदनी की चमक तुम ना समझो,ऐसा ना हो। (Aiming to go out of India than studying here) बाहरी खूबसूरती निहारते निहारते,अंदर की सुंदरता तुम ना देखो,ऐसा ना हो।
read moreDilip Makwana
अहसास क्या होते है सिर्फ शब्दो मे सुने थे ! मगर एहसासों का अहसास जिसने करवाया वो अहसास हो तुम..... तुम्हे महसूस करने के लिए तुम्हारी आवाज जो बेशक कोयल सी मधुर होगी की जरूरत ही नही पड़ी मुझे, क्योंकि तुम्हारे चांद से चेहरे की कुछ खूबसूरत तस्वीरों ने तुम्हारी खूबसूरती की एक किताब छोड़ रखी थी मेरे दिल मे ! उस किताब के हर पन्ने का अल्फाज जैसे बडी वादियों में सफेद पहाड़ी के बीच गिरते झरने की कुछ बूंदों का उड़ती हवा के झरोखे के साथ चेहरे पर गिरना लगता था !! इस किताब पर हक जताना मेंरे दायरों से काफी परे था मगर चंद पन्नो से चंद अल्फाजो को पढ़ पाना ही मेरे नसीब में था.....मगर इतने ही अल्फाज काफी थे तुमसे करीब होने के...बहुत करीब होने के लिए !! एक खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य से तुम्हारी खूबसूरती की तुलना करना शायद मेरी गुस्ताखी थी क्योंकि उस प्राकृतिक नजारे का तुम्हारे मुकाबले निरंतर बौना होना...मुझे देखा नही जा रहा था !! कभी कभी पूर्णिमा की रात में, चांद की हल्की सी रौशनी में,छत पर अकेला बैठ कर...सुन्न से पड़े मौहल्ले में....जहाँ सिर्फ पेड़ों के कुछ पत्तो के हिलने की आवाज महज मेरे कानों में स्पष्टत: आ रही थी और वही कुछ पक्षियों के चहचहाने की....... वहां उस नजारे में सिर्फ मैं ,मेरा सुन्न पड़ा मौहल्ला,पूर्णिमा की रात, हल्की सी चांदनी,पत्तो की आवाज,पक्षियों की चहचाहट और मेरी ""प्यारी सी कल्पना"""...... वहाँ खुली आँखों से कल्पना करना शायद मेरी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हो में से एक था !! "तुम्हारे अश्को से जब कुछ अश्रु भौहें को स्पर्श करते हुए गालों से चिपक कर सूखते होंगे तो मैं सफेद वादियों में दो पहाड़ी के बीच झरने से बह रहे पानी को महसूस कर लेता था ! ऐसी ही होगी उसकी अश्रुधारा.. ठीक इस खूबसूरत झरने की तरह !! "तुम जब चलती होगी तो तुम्हारे पैरों में बंधी पायल से निकली चन्न-चन्न की आवाज ठीक वैसी ही होगी जैसे किसी नन्ही सी जान का जन्म होते ही उसके मुख से पहली ही दफा निकली "खूबसूरत किलकारियां" जो पूरे प्राँगण में महक भर देती हो ! कल्पना ही कल्पना में जब रात मेरा साथ दे रही थी मगर स्पष्ट देख पा रहा था कि कही न कही से चाँद मुझे एकनजर से घूर रहा है ......पूछ रहा हो जैसे " कौन है वो जिस कारण तुम मुझे ही फीका महसूस कर रहे हो " मेने भी कह दिया " अच्छा है छुपी हुई है वो , वरना पूरी कायनात जुट जाएगी उसे तेरी जगह बिठाने को" !! तुम बोलती होगी तो कैसे बोलती होगी ? बड़ा उत्सुक हुए जा रहा था हर बार.....सोचता था कितने खुशनसीब होंगे वो अल्फाज जो तुम्हारी जिव्हा और होंठो को निहारते....निहारते निकलते होंगे ! कितनी खुशनसीब होगी वो मेहन्दी जो तुम्हारी हथेली पर सज कर उत्सुक हो रही होगी , और कितने खुशनसीब होंगे तुम्हारे वो हाथ जो किसी न किसी बहाने तुम्हारे गालों को चूमते होंगे !! कोसो दूर था मगर बहुत करीब आ गया था तुम्हारे, तुम्हे पाने के लिए बढ़ती रौशनी मेरा हौसला बढ़ाए जा रही थी ! मैं तुमसे कह भी देता कि "इस चाँद की रौशनी हमेशा के लिए मेरी हो" "पूरी ज़िंदगी इसी रौशनी के सामने बैठा गुजारूं" "सोच रहा था...ज़िन्दगी भर के लिए तुम्हारे अश्को को,तुम्हारे अल्फाजो को,तुम्हारे हाथों को छुट्टी पर भेज दु और ज़िन्दगी भर के लिए मैं मजदूर बन जाऊं तुम्हे निहारने के लिए" ! मगर ये सब आसान कहा था कह भी नही सकता था...."आत्मविश्वास "? आत्मविश्वास की कमी नही थी मुझमे मगर डर सा लग रहा था कि कही बहुत दूर न हो जाऊं तुमसे !! वो सब खो दूंगा जो महसूस करता हूँ ! जो सब गवा दूंगा जो सोचा भी नही हूं ! सोचता हूँ... कैसे बनाया होगा खुदा ने तुम्हे !! शायद नूर के बने तालाब में डुबोकर बाहर निकाला होगा ! खुदा की कलाकृति पर नाज है मुझे...यकीन नही हो रहा है, कोई कीसी को ऐसा कैसे बना सकता है ? यकीनन ऐसा बनाया है इसलिए तो खुदा कहते है तुझे !! मगर सुन लो खुदा.....तुम्हारे दी हुई इक इक खूबसूरती को संभाल रखा है मेरी उसने...... जितनी कशमकश खुदा ने तुझे बनाने में की है उतनी ही तूने उसे संभालने में की है ! इसलिए किसी शायर का एक शेर याद आ गया तुम्हारे लिए "मैं मानता हूँ तुम खुदा नही हो" "मगर खुदा से कम भी तो नही हो" तुम वो खूबसूरत पुष्प हो जिसके इर्द-गिर्द मेरे जैसे अनगिनत भँवरे गुनगुनाते फिरते है मगर खिलना,महकना तेरी फितरत है !! दिलीप मकवाना
Maya Singh
सागर से सपने हमारे तुम्हारे 💕 अनंत दूरी तक जो है बाहें पसारे 💕 हम तुम एक नया के जैसे 💕 सुख-दुख की लहरों में💕 एक दूसरे को थाम ते संभालते 💕 बीते यह दिन रैना यूं ही 💕 एक दूसरे को निहारते निहारते💕 हम तुम
हम तुम
read moreअविरल आर्या
"राधा का विरह प्रेम" श्याम तेरी ये रीत है कैसी प्रेम में तेरे राधा को मिली जुदाई है, श्याम तेरे गोकुल छोड़ जाने से राधा से अपने ह्रदय कि पीड़ा सहा नहीं जा रहा है, विरह में तेरे राधा नित -दिन विलाप कर बिताती है, प्रेम कि सौन्दर्यता से तूने इस संसार को अवगत कराया है, फिर क्यों नहीं
श्याम तेरी ये रीत है कैसी प्रेम में तेरे राधा को मिली जुदाई है, श्याम तेरे गोकुल छोड़ जाने से राधा से अपने ह्रदय कि पीड़ा सहा नहीं जा रहा है, विरह में तेरे राधा नित -दिन विलाप कर बिताती है, प्रेम कि सौन्दर्यता से तूने इस संसार को अवगत कराया है, फिर क्यों नहीं
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