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ALIASGAR SAIFY
कटती रही ज़िन्दगी युही बेमतलब्सी। फिर एक दिन मुझे एहसास अपनी खामियों का हुआ। #ज़िन्दगी_का_सफर #ज़िम्मेदारियाँ #समझ
#ज़िन्दगी_का_सफर #ज़िम्मेदारियाँ #समझ
read moreAliasgar Saify Prince
कटती रही ज़िन्दगी युही बेमतलब्सी। फिर एक दिन मुझे एहसास अपनी खामियों का हुआ। #ज़िन्दगी_का_सफर #ज़िम्मेदारियाँ #समझ
#ज़िन्दगी_का_सफर #ज़िम्मेदारियाँ #समझ
read morePrashant Shakun "कातिब"
"सड़क और स्त्री" सड़क के बीचों बीच, सड़क को बाँटती वो पीली सफेद पट्टी संभाले रखती है उस ट्रैफिक को, जो इस तरफ आ रहा है और उस तरफ को जा रहा है। एक स्त्री भी जब मांग भरती है तो दो परिवार रूपी ट्रैफिक के वाद-विवादों को अलग अलग रखती है और समानता बनाये रखती है कि दोनों तरफ का ट्रैफिक, एक ही धरातल पर बिना टकराये चलता रहे। भले ही दोनों की मंज़िलें अलग अलग हों। (बाकी कैप्शन में पढ़ें) ©Prashant Shakun "कातिब" और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को, नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी मंज़िलों की तरफ, इस अपेक्षा में कि सरकार सड़क की मरम्मत कर देगी क्यूँकि सड़क तो सरकार ने ही बनाई है, लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं, क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदारी नहीं…? आखिर कौन होती है सड़क की सरकार…? आपके विचारों/उत्तरों का स्वागत है। #सड़क_और_स्त्री #Nojoto #diary #ज़िम्मेदारियाँ #स्त्रीअस्तित्व #स्त्री_सम्मान #pshakunquotes
और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को, नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी मंज़िलों की तरफ, इस अपेक्षा में कि सरकार सड़क की मरम्मत कर देगी क्यूँकि सड़क तो सरकार ने ही बनाई है, लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं, क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदारी नहीं…? आखिर कौन होती है सड़क की सरकार…? आपके विचारों/उत्तरों का स्वागत है। #सड़क_और_स्त्री #diary #ज़िम्मेदारियाँ #स्त्रीअस्तित्व #स्त्री_सम्मान #pshakunquotes
read morePrashant Shakun "कातिब"
सड़क के बीचों बीच सड़क को बाँटती वो पीली सफेद पट्टी संभाले रखती है उस ट्रैफिक को जो इस तरफ आ रहा है और उस तरफ को जा रहा है एक स्त्री भी जब मांग भरती है तो दो परिवार रूपी ट्रैफिक के वाद-विवादों को अलग अलग रखती है और समानता बनाये रखती है कि दोनों तरफ का ट्रैफिक एक ही धरातल पर बिना टकराये चलता रहे भले ही दोनों की मंज़िलें अलग अलग हों ©Prashant Shakun "कातिब" और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी मंज़िलों की तरफ इस अपेक्षा में कि सरकार मरम्मत कर देगी सड़क की क्यूँकि सड़क तो सरकार ने ही बनाई है लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदार नहीं…?
और हर दिन दोनों पर बोझ बस बढ़ता ही जाता है और हम इन सबसे बेखबर, उन पर पड़े गड्ढों को नज़रअंदाज़ कर बस बढ़ते ही रहते हैं अपनी मंज़िलों की तरफ इस अपेक्षा में कि सरकार मरम्मत कर देगी सड़क की क्यूँकि सड़क तो सरकार ने ही बनाई है लेकिन हम जो सड़क का प्रयोग कर रहे हैं क्या हमारी उसके प्रति कोई ज़िम्मेदार नहीं…?
read moreSaurav Das
#FourLinePoetry खामोशी छायी है मगर, अब वक्त का इंतजार है! खामोशी इश्क़ का नहीं साहब, कंधे पर जिम्मेदारीया हजार है!! ©Saurav Das #खामोशी #ज़िम्मेदारियाँ #fourlinepoetry
#खामोशी #ज़िम्मेदारियाँ #fourlinepoetry
read moreRiChA SiNgH SoMvAnShI
#ज़िम्मेदारियाँ #ख़्वाब #writinglove #hindilove nojotofamily❤️ #twoliner #admiration
read moreKavyaVarsha
क्यों बड़ी- बड़ी ख्वाइशे हथेली पर रखते हो, खाली पेट की ज़िम्मेदारियाँ सर पर हैं, और तुम स्कूल जाने की बात करते हो ! #ज़िम्मेदारियाँ
Anushka Verma
ज़िम्मेदारियाँ कभी कभी इतनी बढ़ जाती है की इंसान चाहते हुए भी अपनो को वक़्त नही दे पाता और जब ज़िम्मेदारियाँ कम होती है तो अपना कोई करीबी नही बचता । #Nojoto
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