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Poonam Ritu Sen
कठपुतली बना कर कुछ वक्त के लिये ही सही, उसने थामा तो था मेरा हाथ कभी.. #yqbaba #yqdidi #कठपुतली #वक़्त #थामा #हाथ
Rabindra Kumar Ram
" क्या सोच के दिल बहलाने निकले थे , बिना कुछ सोचे इश्क से मुहब्बत कर बैठे , मैं तो आवारगी के राहों में बिगरा सा , साथ में हाथ कैसे थामा जो मैं सम्भल गया ." --- रबिन्द्र राम #इश्क #मुहब्बत #आवारगी #राहों #बिगरा #साथ #थामा #सम्भल
amit negi
चाँदनी रात में पहेली मुलाकात का होना लाज़मी था जब थामा था गर्दिश में मेरा हाथ। चांदनी रात में सपनों का सच होना लाज़मी था जब चले सुनहरे सफ़र पर एक दूसरे के साथ चांदनी रात में पहेली बार जब तुमने थामा मेरा हाथ,मिली नसीब में एक रोटी जब खाए हम दोनों मिलकर एक साथ, जैसे आधी रोटी पूरा चाँद #love#writer#sad#poem
sid_🤫
अक्सर रोना आ जाता है उस दिन के बारे में सोच कर जब उसने अपने हाथों में किसी और के नाम की मेहंदी लगाई होगी जब उसने किसी और के हाथ को अपने हाथों में थामा होगा जब उसने किसी और के साथ जीने मरने की कसमें खाई होगी उसने कैसे किसी और के हाथ को थामा होगा miss you my little princess
miss you my little princess
read moreFearless
मेरे आंसुओं को देख कर तूने मेरा हाथ थामा था...... मै पगला प्यार समझ बैठा,,.. तूने तो बस मेरे आंसुओं को देखकर मेरा हाथ थामा था....... मेरे आंसू
मेरे आंसू
read moreShailendra Singh Yadav
अगर हाथ थामा है तो छोड़ न जाना। कहीं मौका मिले तो प्यार भरा दिल तोड़ न जाना। मिलते रहें हैं सदियों से मिलते रहेंगे। ऐसा न हो कभी कि आज हाथ थामा है तो कल मरोड़ न जाना। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हाथ छोड़ न जाना।
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हाथ छोड़ न जाना।
read moreNarender Choudhary
मोहब्बत ने यु उजाड़ा घर मेरा, जैसे उजाड़ा ना किसी दुसमन ने । माँ-बाप ने यु थामा हाथ मेरा जैसे थामा ना ज़माने ने ।।
Ronak Chavda
उसके जाने के बाद तन्हाई ने हाथ थामा है.... उसका शहर नया था मेरे लिए हा अँधेरा बहुत था, अब नाम मे ही रौनक है तो रोशनी तो करनी बनता ही था, उसके दिल को नयी सुबह दिखा के खुद अँधेरे में चला था, उसके जाने के बाद तन्हाई ने हाथ थामा था..... खुशी के सागर में सिर्फ़ गम की लहरें उठती थी, प्यार के बंधन को निभाने मे वो कच्ची खिलाड़ी थी, ना जाने कोनसा नशा है उसकी याद में जो उतरता नहीं है, उसके जाने के बाद तन्हाई ने हाथ थामा था..... उसकी यादो के साथ जीना जैसे बिन पानी के रेगिस्तान में रहना है, खयालों के बादलों से निकल कर हक़ीक़त की जमीन पर गिरता है, ना जीने के लिए वजह मिलती है ना मरने के लिए रास्ता मिलता है, उसके जाने के बाद तन्हाई ने हाथ थामा था..... आदत नहीं है उसके बिना दिन गुजारने की मुझे, मेरी हालत का क्यू कोई अंदाज़ा नहीं है तुझे, तेरे बिना मे जैसे शायरी के अधूरे अल्फाज़, उसके जाने के बाद तन्हाई ने हाथ थामा था..... ब्यान-ए-इश्क़ ✍️
The great Priya
तुझे भुलने की हर नाकाम कोशिश में तेरी एक याद मेरे जहन में आ जाती है सोचती तो हु तू मुझे भुल गया होगा शायद आख़िर तेरे पास तो वज़ह भी है मुझे भुलाने की पर क्या तूने उसका हाथ भी युही थामा था अपने हाथो में पहली बार जैसा मेरा हाथ थामा था पर क्या उसकी भी हर एक तस्वीर देख कर तुझे उससे भी बार बार प्यार हो जाता है जैसे मेरी तस्वीरों से होता था पर क्या वो भी तुझे उतना ही वक़्त देती होगी जितना की मेने तुझे दिया और माना वो वक़्त दे भी देती होगी पर क्या वो भी तेरे चेहरे की एक मुस्कान के लिए तेरे एक बार बुलाने पर सब कुछ छोड़ कर वैसे ही आ जाती है जैसे में आ जाया करती थी पर क्या वो तेरी गलती को वैसे ही नजरअंदाज करती है जैसे में किया करती थी पर क्या उसके सामने भी तुम किसी छोटे बच्चे के जैसे जिद्द करते हो खुद को भूल जाते हो जैसे मेरे सामने किया करते थे पर क्या उसे देख कर भी तुम्हारे चेहरे पर वही मासूम सी मुस्कान होती है जो मुझे देख कर आती थी पर क्या वो भी तुम्हारी मुस्कान देखकर खुश हो जाती है और तुम्हारा माथा चुम लेती है जैसे में किया करती थी पर क्या वो भी जिंदगी भर इस उम्मीद पर अकेले रह लेगी की बस तुम साथ हो जैसे में रह रही हु पर क्या वो तुम्हारे लिए सब कुछ छोड़ कर आ जाएगी जैसे में आ गयी थी तुम्हारे पास ये जानते हुए की हम एक नहीं हो सकते माना की वो अभी सिर्फ तुम्हारी होगी पर क्या किसी और की हो जाने के बाद भी वो तुम्हारी हो कर रह लेगी जैसे में रह रही हु क्या वो तुम्हारे चले जाने के बाद भी सिर्फ तुम्हारी होगी जैसे में हु आज भी सिर्फ तुम्हारी .....इन सब बातो में याद तो कही कोई मेरी ही होगी ....याद तो तुम भी शायद मुझे उतना ही करते हो जितना में तुम्हे करती हु .... kya vo bhi tujhe utna hi pyar karti hai jitna mene tumse kiya....
kya vo bhi tujhe utna hi pyar karti hai jitna mene tumse kiya....
read moreRiddhi kardiya
मैंने तुम्हें कुछ यूँ थामा है ... जैसे चांद ने रात की चांदनी थामी, जैसे सुर्य ने सुबह की रोशनी थामी, और बस इसी तरह मैने तुम्हें थामा।