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BANDHETIYA OFFICIAL
कमजोर नस है, वो कश्मकश है, न तेरे बस है, न मेरे बस है। दुखती रग पे हाथ धरे, हाल हुआ इक साथ धरे, इक रंग विवश है। तुम जो कुछ हमको समझो, उलझो खुद से, हमसे सुलझो, फिर बात सरस है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #सरस हो। #angrygirl
#सरस हो। #angrygirl
read moreB Pawar
हम बड़ है #पीपल है हरदम जीवट है हमसे ही वन है हमसे उपवन हैं। पक्षियों के उदर तले बीजरूप हम हैं जलाऊं हैं इमारती है भोजन में हम हैं। अदृष्ट ज्ञान भांति जड़ मूल हम हैं और कभी यज्ञ की आहुति रूप हम हैं। शिलाओं पर उग जाए हम हठयोगी हैं यदाकदा दरारों में भी अपना अस्तित्व है। विस्तार कर जाए तो चहुओर वन है उखाड़े जाए तो खतम सजीवन है। #सरस #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #tree #पीपल_बरगद_की_छाया #पीपल All original ©whosmi B Pawar 🌐www.whosmi.wordpress.com
pareek boy
न जाने किस कश्ती मे, …………सवार हो तुम: काश कोई लहर तुम्हें, मुझ तक पहुँचा पाती….✍🏼 ©pareek boy "सागर तू बन जा कश्ती मुझे बना ले, अपने में डूबोकर अपने में मिला ले।।" #AnjaliSinghal #hindishayari #Twitter #वीणा #सरस #बज़्म #शायरांश #हिन्दवी #Akshaykumar
"सागर तू बन जा कश्ती मुझे बना ले, अपने में डूबोकर अपने में मिला ले।।" #AnjaliSinghal #hindishayari #Twitter #वीणा #सरस #बज़्म #शायरांश #हिन्दवी #Akshaykumar
read moreMo k sh K an
सुन ओ पाखी भोर की, सरस सुधा बरसा कण कण में तू राग फूँक दे, श्रृष्टि को हर्षा जल में, थल में, अंबर में, रंग राग कर दे इन्द्रधनुष की आभा से तू आसमान भर दे नदिया बन तू सींच धरा को, मौसम ना तरसा सुन ओ पाखी भोर की, सरस सुधा बरसा वन उपवन में महक धूप सी, कनक कोकिला गाने दे सन्दल सी आभा सा चमके, सूरज को मुस्काने दे क्षितीज कृष्ण की बने बाँसुरी, तप ऐसा दर्शा कण कण में तू राग फूँक दे, श्रृष्टि को हर्षा सुन ओ पाखी भोर की, सरस सुधा बरसा कण कण में तू राग फूँक दे, श्रृष्टि को हर्षा #भोर #main_kaun_tu_khamakhan #मै_कौन_तू_खाँमखाँ #kavishala #hindinama #tassavuf
Anjali sharma Anjali sharma
रमण बिहारी सौ करे जो जैसी अभिलाष ।ये सबको मंगल करै पूरन हों सब आश ।। रमण बिहारी की छबी निक सत उर ते नाहिं। अपलक नयना निरखते ,सरस युगल रस माहि ।। रमण बिहारी चरन के परसन कू मन होय । ,सरस उलीचो ज्ञान सब कछू न राखो गोय ।। रमण बिहारी की ध्वजा लहर लहर लहराय । हरि आभा निरखन चली यमुना हिय उफनाय ।। रचना,शैलेन्द्र कुमार ,सरस, छाता,मथुरा । गोय। ।। । ।
SARAS KUMAR poetry
मां की छाया में यहाँ हुँ इधर चला आया। कितनी मुद्दत के बाद घर चला आया। खुशी के पल सुनहरे हो गए मां की गोदी मे आने से सहर चला आया। ख्वाइसे ओर भी बङ गई मेरी दीदार करने से तेरा एक ओर पहर चला आया। आँचल के ठंडे झरौके मिले जब सरस मां तेरी डगर चला आया। सरस कुमार I love mom
I love mom
read moreSanjay Sharma Saras
#OpenPoetry शेर सा वज़्न है आपकी बात में । कैसे लाते असर इतना जज़्बात में ।। हमने टोका मगर हमसे पर्दा किया, लग गयी है नज़र इस क़रामात में । रूप की धूप पर ज़ुल्फ़ की बदलियाँ, क्या ग़ज़ब हो गया चाँदनी रात में । वो मिले क्या किसी मोड़ पर यक-ब-यक, बन गयीं कुछ लकीरें मेरे हाथ में । सर्द मौसम जवाँ धड़कनों की सदा, बचके रहिये 'सरस' ऐसे हालात में । © संजय शर्मा 'सरस' 9929632496/9354352919 ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreAparna Shambhawi
#paki #nojotohindi #poem #hindipoet #रचना हुलस हुलस मैं, प्रेम विवश, मुरली बजाऊँ, मैं रैन दिवस । नहीं सरस-सरस,
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