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वो अग्रसर हो चला है अपनी मंज़िल की ओर तेज़ी से.. रोक रही है अनेकों बाधाएं उसे.. फिर भी पूर्ण स्फूर्ति रगो मे लिए बढ़ रहा है वो चुनौतियों का सामना बखूबी कर रहा हैं वो। ©Nikhat #अग्रसर
Juhi Grover
यादों के गहरे साये से आवाज़ आई, "ज़िन्दा हो तुम ?" मैंने कहा, " यही हूँ।" अजीब प्रश्न था, मग़र जायज़ था। मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। क्या वाकई में मैं ज़िन्दा हूँ, या बस ज़िन्दगी को मरने तक निभा रही हूँ। क्या मैं ज़िन्दा हूँ? क्या हम सब ज़िन्दा हैं? जिनके लिए काम कर रहे, उनके लिए तो शायद मर चुके। खुद के लिए भी कहाँ जी रहे, बस मौत की ओर अग्रसर ज़रूर है, ज़िन्दगी को घसीट रहे हैं। ज़िन्दा नहीं हूँ मैं, ज़िन्दा नहीं हैं हम। मेरे ही एक अपने ने मुझे ये सवाल पूछ कर निःशब्द कर दिया कि साथ रहते हुए भी हम अपनों से दूर हों और इतने व्यस्त रहें कि वो शख़्स हमें ये ताना दे कि ज़िन्दा हो तुम? Just a thought. #ज़िन्दा #गहरे #अजीब #जायज़ #मजबूर
अग्रसर
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read moreअग्रसर
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read moreDr Manju Juneja
निरंतर प्रयास और मन की शक्ति से ही, निरन्तर प्रयास और मन की शक्ति से आप कुछ भी कर सकते ।निरन्तर प्रयास आपको आगे की अग्रसर करता है।निरन्तर प्रयास के लिए मन की शक्ति का होना बहुत जरूरी है।कहते भी है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।अगर आपका मन हार गया है तो आप कुछ भी नही कर सकते।जो आप आगे की ओर अग्रसर हो रहे हैं, तो आपकी यात्रा रूक जाएगी। कोई भी काम है, चाहे लिखना हो ,गाना हो चाहे चित्रकला हो नृत्य हो अगर हम निरन्तर प्रयास नही करेंगे ,तो धीरे धीरे सब छूटता जाएगा।निरंतर प्रयास से जब एक रस्सी सिल पर अपना निशान छोड़ सकती है, तो हम क्यूँ नही कर सकते। हाथ पर हाथ धरने से बेहतर है प्रयास करना।हाथ पर हाथ धरने से हमे कुछ भी हांसिल नही होता।अगर जिंदगी में मुक़ाम को पाना चाहते हो तो मन से कभी मत हारना, कि मुझसे ये कार्य नही होता, मैं ये कैसे करूंगा ।जहा ये बात मन मे आती है, हम वही बिखर जाते हैं।जो हमारे अंदर की ऊर्जा होती है ,वो कम होने लगती है। धीरे- धीरे हम निढ़ाल हो जाते और कुछ भी करने का मन नही करता।इसलिये मन को हमेशा मजबूत रखे।मन मजबूत, हमारी सोच से होता है।इसलिये कोशिश करे, कोई नकारात्मक ऊर्जा मन मे ना लाए। अगर आपने मन से ठान लिया है कि मुझे सगीत या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना है ,तो प्रयास जारी रखे ।आपको आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। बस अपने मन की लगाम को हमे कसना है । मन बावरा मन पागल, मन के घोड़े दौड़ते चहु ओर। मन हराये चित को भी , मन का कोई ना ठौर । ©Dr Manju Juneja रुक जाना नही तू कहीं हार के ,काँटो पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही... ओ राही ..ओ राही...... #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
रुक जाना नही तू कहीं हार के ,काँटो पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही... ओ राही ..ओ राही...... #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
read moreDr Manju Juneja
निरंतर प्रयास और मन की शक्ति से ही, निरन्तर प्रयास और मन की शक्ति से आप कुछ भी कर सकते ।निरन्तर प्रयास आपको आगे की अग्रसर करता है।निरन्तर प्रयास के लिए मन की शक्ति का होना बहुत जरूरी है।कहते भी है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।अगर आपका मन हार गया है तो आप कुछ भी नही कर सकते।जो आप आगे की ओर अग्रसर हो रहे हैं, तो आपकी यात्रा रूक जाएगी। कोई भी काम है, चाहे लिखना हो ,गाना हो चाहे चित्रकला हो नृत्य हो अगर हम निरन्तर प्रयास नही करेंगे ,तो धीरे धीरे सब छूटता जाएगा।निरंतर प्रयास से जब एक रस्सी सिल पर अपना निशान छोड़ सकती है, तो हम क्यूँ नही कर सकते। हाथ पर हाथ धरने से बेहतर है प्रयास करना।हाथ पर हाथ धरने से हमे कुछ भी हांसिल नही होता।अगर जिंदगी में मुक़ाम को पाना चाहते हो तो मन से कभी मत हारना, कि मुझसे ये कार्य नही होता, मैं ये कैसे करूंगा ।जहा ये बात मन मे आती है, हम वही बिखर जाते हैं।जो हमारे अंदर की ऊर्जा होती है ,वो कम होने लगती है। धीरे- धीरे हम निढ़ाल हो जाते और कुछ भी करने का मन नही करता।इसलिये मन को हमेशा मजबूत रखे।मन मजबूत, हमारी सोच से होता है।इसलिये कोशिश करे, कोई नकारात्मक ऊर्जा मन मे ना लाए। अगर आपने मन से ठान लिया है कि मुझे सगीत या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना है ,तो प्रयास जारी रखे ।आपको आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। बस अपने मन की लगाम को हमे कसना है । मन बावरा मन पागल, मन के घोड़े दौड़ते चहु ओर। मन हराये चित को भी , मन का कोई ना ठौर । ©Dr Manju Juneja #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
Sushma Sonu Thakur
जाने ये इंसान किस ओर जा रहा है जाने क्यों बांट लिया इंसान ने खुद को कभी धर्म के नाम पर तो कभी मज़हब के नाम पर खुद ही इस बवंडर में फंसता जा रहा है जाने ये इंसान किस ओर जा रहा है क्यो आज लोगों में इंसानियत मर गई क्यो आज इंसानियत से ज्यादा लोग अपने जातिवाद और रूढ़िवाद के विवादो में उलझता जा रहा है पूरी दुनिया मे एक इंसानियत का रिश्ता ही सर्वप्रथम और सर्वोत्तम बताया गया है मगर आज का दौर इतना बदल गया है कि लोग अपने अहंकार रूपी स्वभाव को तवज्जो देने लगा है ईश्वर ने तो धरती पर इंसान ही बनाया था और धर्म इंसानियत। मगर आज हर जगह वाद विवाद बढ़ता जा रहा है हो चाहे वो राम-मंदिर या मस्ज़िद इंसान अपना ही अस्तित्व खत्म करता जा रहा है इंसान अपने ही विनाश की ओर बढ़ता जा रहा है। #nojotohindi #nojotopoem #nojotoquotes #nojotolines #धर्म #मज़हब #बटवारा #ज़िन्दगी #इंसानियत #विनाश #पतन #अग्रसर #भूलकर #खुदा #sushmathakur
amit Kumar kaushik
आज यहां तो कल वहां यह तो जी नवरंग है अगर हम से मिल न पाए तुम से तो यह तो जिवन का दस्तूर है फासले होते है दुनिया में उन लोगों के बिच जो एक दूसरे के लिए बने होते हैं ए काश हमें मिल जाए वो एक पल जिस में हम एक दुसरे से हाल ए दिल बयां कर सके।हम कल थे,आज हैं,हमेशा रहेंगे एक दूसरे के लिए एक दूसरे के आरज़ू बन कर।चूकि जैसे सुबह बनीं है सूरज से,शाम बनीं छांव से,रात बनीं है चांद से इसी तरह से हमारा तुम्हारा प्यार बना है एक दूसरे की रोशनी से व एक दूसरे की चांदनी से।जिस प्यार से व जिस प्यार की रोशनी से संसार भर का भ्रम,लोभ,और मोह हमारे प्यार प्यार की रोशनी में नहा कर व इस के आवेग में हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाता है;व ईस की चांदनी में सरोबार हो कर लोगों की आपसी कुंठा समाप्त हो जाती है और लोगों के आपसी संबंध प्रेम संबंधों में तब्दील हो जातें हैं।चाहे लाख तुफान आएं आंधी आएं जिस प्रकार एक महान नाविक ईस सिथती की चिंता न करते हुए निरंतर अपने जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए अग्रसर रहकर अपने उदेश्य की सत प्रतिशत सफलता हासिल करता है।ईस ही प्रकार प्रेम संबंधों में रहने वाले बहुजनो को ईन समाज में उतपन्न इन आंधी तुफान को झेल कर निरंतर अग्रसर रहकर समाज के सामने आद॔श बन कर तत्पर रहना चाहि सचाई भरा प्रे म
सचाई भरा प्रे म
read moreamit Kumar kaushik
आज यहां तो कल वहां यह तो जी नवरंग है अगर हम से मिल न पाए तुम से तो यह तो जिवन का दस्तूर है फासले होते है दुनिया में उन लोगों के बिच जो एक दूसरे के लिए बने होते हैं ए काश हमें मिल जाए वो एक पल जिस में हम एक दुसरे से हाल ए दिल बयां कर सके।हम कल थे,आज हैं,हमेशा रहेंगे एक दूसरे के लिए एक दूसरे के आरज़ू बन कर।चूकि जैसे सुबह बनीं है सूरज से,शाम बनीं छांव से,रात बनीं है चांद से इसी तरह से हमारा तुम्हारा प्यार बना है एक दूसरे की रोशनी से व एक दूसरे की चांदनी से।जिस प्यार से व जिस प्यार की रोशनी से संसार भर का भ्रम,लोभ,और मोह हमारे प्यार प्यार की रोशनी में नहा कर व इस के आवेग में हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाता है;व ईस की चांदनी में सरोबार हो कर लोगों की आपसी कुंठा समाप्त हो जाती है और लोगों के आपसी संबंध प्रेम संबंधों में तब्दील हो जातें हैं।चाहे लाख तुफान आएं आंधी आएं जिस प्रकार एक महान नाविक ईस सिथती की चिंता न करते हुए निरंतर अपने जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए अग्रसर रहकर अपने उदेश्य की सत प्रतिशत सफलता हासिल करता है।ईस ही प्रकार प्रेम संबंधों में रहने वाले बहुजनो को ईन समाज में उतपन्न इन आंधी तुफान को झेल कर निरंतर अग्रसर रहकर समाज के सामने आद॔श बन कर तत्पर रहना चाहिए। सचाई भरा प्रेम
सचाई भरा प्रेम
read moreAnkit Vatsa
तू हार है , मैं जीत हूँ , तू धूप है , मैं छाँव हूँ , यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ , हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ। मंजिल चाहे कठिन हो , रास्ते भी रोक लो , अपने निर्मित रास्ते से मंजिल भी पा जाऊँगा , निर्माण करुँगा सरल रास्ता , ऐसा मैं निर्माता हूँ ၊ यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ , हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ। तू तलवार है , मैं ढाल हूँ , तू समस्या है , मैं समाधान हूँ , जितना भी तुम रोक लो , चाहे जान भी तुम झोंक दो , मैं अथक का पर्याय हूँ ၊ यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ , हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ। बिछा दो काँटे मेरे राहों में, चाहे ज्वाले से पथ भर दो तुम , नग्न पॉव पथ तय कर लूंगा , मैं शीतलता का परिभाषा हूँ ၊ यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ , हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ। #अग्रसर #प्राणी for more such poem visit my blog page. https://vatsa7281.blogspot.com/?m=1