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Shubham Bhardwaj
भूली बिसरी याद है उसकी। बस इतनी सी बात है उसकी।। ©Shubham Bhardwaj #feelings #भूली #बिसरी #याद #है #उसकी #बस #इतनी #सी
Shubham Bhardwaj
भूली-बिसरी यादों की कहानी है। यह तस्वीर तो मोहब्बत की निशानी है।। ©Shubham Bhardwaj #JodhaAkbar #भूली #बिसरी #यादों #की #कहानी #है #यह #तस्वीर #तो
Shubham Bhardwaj
भूली बिसरी यादों को,सीने में छिपाकर रखा है। जो हो न सकीं अपनी, उन्हें अपना बनाकर रखा है।। ©Shubham Bhardwaj #भूली #बिसरी #याद
Simpy Pandey
वह भूली बिसरी से गलियां, वह नासमझ सी कलियां , रहती थी बाहर की दुनिया से दूर वह बचपन की सहेलियां ,हर जवाब में थी उनकी बेमतलब सी पहेलियां, हर बात में मासूमों की हंसी की किलकारियां,, यही है जिंदगी का दस्तूर तभी तो कहलाई गई हैं यह भूली बिसरी सी बचपन की गलियां ।। #love#memory#childhood#nojoto#nojotohindi#fun#life#reality
Parul Sharma
december ka mahina बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ कुछ अपनों की कुछ गैरों की कुछ सपनों की कुछ हकीकत भरी सभी तो है अपनी अपनों की ठंड़ी कपकपी अगुलियों के बीच जकड़े चाय के कप के साथ जरा देख लू दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ सावन,पतझड़,बसंत, बार सी साल भर की जीवन के उतराव चढ़ाव पर साथ चली साल की अंतिम सीमा पर आस लगाये खड़ी जरा इन्हें अपनी हथेलियों में भर कर नये साल में प्रवेश दूँ सुनहरे अक्षरों में लिखकर अपने दिल का एक देश दूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ पारुल शर्मा #NojotoQuote बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ
बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ
read moreAwadhesh Kumar Rai
अब ना कोई कृष्ण चौसर में लाज बचाने आऐगा। लुटती रहेंगी असंख्य द्रोपदी कोई ताज बचाने आऐगा। भारत में हर रोज़ कितनी घुटती रही है, देवियां। चिर हरण से हर रोज़ आहत कौन लाज बचाने आऐगा। बिसरी द्वापर बिसरी त्रेता आंखों में लाज बसाने आऐगा। हर तरफ चांडाल चौकड़ी दुशासन से चिर छुड़ाने आऐगा। बंधक बने सब पांडव बैंठे इस देश के पुरुष । इस देश के असंख्य द्रोपदी के लाज बचाने आऐगा। अवधेश कुमार राय."अवध" चीर हरण #Nojoto #Nojotohindi #चिरहरण #कृष्ण #महिला #Pencil #Paper
Rajnish Jha
भूली बिसरी एक कहानी भूली बिसरी एक कहानी आज अचानक याद आयी तेरी तस्वीर जब उस डायरी के पन्ने से बाहर आई। कुछ यादें ताज़ा हो गयी जैसे तेरी तस्वीर दिखी शायद अब भी कुछ दिल में था तेरे लिए तभी तो आँखें हमारी नम हुई। एक गीत भी लिखा था उस पन्ने में मैंने तेरे लिए जब तुझ संग प्रीत लगाई थी। वो वक़्त भी तो अनमोल था जब तू जीवन में आई थी जब देखी आज तस्वीर तेरी तुझ संग की गई बातें याद आयी। भूली बिसरी एक कहानी आज अचानक याद आयी। भूली बिसरी एक कहानी #nojoto #rjpoetry
Pratyush PSP
कुछ भूले बिसरे लोग याद आ गए जब कुछ भूली बिसरी यादें याद आ गई न जाने कहा से पर याद आ गए वो भूले बिसरे लोग वो कभी भूले हमको जिनको कभी भूले हम याद आई आंखों में नमी आई चहरे पर एक मुस्कान आई सारे दर्द एक पल में मिटा आई वो दोस्तो की यारी याद आई वो बचपन की शरारत याद आई और कुछ भूल बिसरे लोग याद आ गए जब कुछ भूली बिसरी याद याद आई कुछ भूल बिसरे लोग....... #भुलेबिसरेलोग #psp_की_कविता #psp_के_शब्द #poetry_of_psp