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Rumaisa
हम देहात से हैं _और हमारे शादी पर पूरी बुनिया और सब्जी नाना प्रकार हैं अंतिम मे मिला गया दही चीनी शुभ है वो नीली पीली चादर वाली रंगबिरंगी टेंट उसमे से सादा लाल भूक_भूकिया बलब यू गलियों मे लंबी कतार से सजी मरकरी सारेगामा को चुनौती देती धक-धक जनरेटर बाँस और चौकी पर टिकी स्टेज का स्टेटस लाल जोड़ा वाला दूल्हे दुल्हन का सिंहासन ऊपर से पंडित जी के 'दनादन वाले मंत्र' पड़ोसी वाले दर्जी साहेब के कटिंग blouse काफी तो ना है, फ़िलहाल के लिए ठीक है. ©Rumaisa #देहाती #गांव #shadi #villagelife
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read moretanha mussafir
दिखना में वा जरूर कारी थी, मगर असली में भोत प्यारी थी। #merijaan #मेरीबोली #देहाती #गावँ #गरीब
Adarsh Raj
शहर की औकात बस इतनी सी निकली, जब बात बिगड़ी तो गाँव याद आने लगी। #देहाती MONIKA SINGH secret Suman Zaniyan Shikha Sharma Pranshi Singh Zarna dayma
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read moreAmanKhanMaliYa
ज़िन्दगी का सफर पसीने की नदी बहाकर मिलों चलकर आया हूँ मेरा हक मुझें लौटा दो बस यही फरियाद लाया हूँ #AmanKhanMaliYa #किसान #देहाती #हुकमत_से_गुजारिश 🖋
#किसान #देहाती #हुकमत_से_गुजारिश 🖋
read morevibhanshu bhashkar
गाँव की सरहदों को, पार कर ,आती बस...जब पहुचती है, शहर के शोर-गुल,और, मतलबी चौराहों पर... रुकती है, कुछ अरमानो को उनके गंतव्य तक ,छोड़ने के लिए ठसा-ठस भरी बस से,उतरता है ... 'एक देहाती युवा'गेहूवा रंग वाला, पैरो में चप्पल डाले,कंधे पर लाल गमछा पीठ पर झोला,जिसमे, कुछ प्रतियोगी पुस्तके, कुछ पुरानी नोट्स, कुछ देहाती लिबास, ठूस-ठूस कर भरा होता हैहाँथ में एक गठरी, जिसमे चावल, दाल , चना, आटा , बजरी और महुआ की थैली... अचानक, आधुनिक साज-सज्जा से युक्त शहरी 'भीड़' घूरता हुआ,उससे धमकाता है... तुम्हे यदि, हमारे...बीच रहना है,तो तुम्हे छोड़ना पड़ेगा,ये देहाती तौर-तरीके ये गमछा, ये लिबास,ये चप्पल,इन गठरियों का साथ भी... उसने स्वीकार की ,अपनाने को, शहर के सारे तौर-तरीके.. लेकिन ,गठरियों का त्यागना भी...?नही !! इन गठरियों में , महज,आटा,चावल,दाल, महुवा ही नहीं... उसके माँ- बाप की उम्मीद ,सपने ,आस, प्यार , और विश्वास है जिसे सर पर लाद कर ,खुद उसका बाप बस स्टैंड तक ,छोड़ने आया था... जिसे त्यागना , उसके लिए... खुद के वजूद को खत्म करने जैसा है.... ____________________________ © भाष्कर #NojotoQuote #देहाती #लड़का
शुभेंद्र सिंह 'संन्यासी'
पढ़े लिखो की दुनिया मे हमको कहते देहाती है अनपढ़ की दुनिया मे हमको कहते शरारती है शब्दो से शरारत करते है मद मस्त मलंग रहते है यह दर्दो गम की दुनिया में मस्ती के रंग को भरते है तो क्या हुआ जो मैं किताबो से पढ़ा नही इस दुनियादारी के चक्कर मे दिखावे में पड़ा नही कुछ कर गुजरने का जज़्बा हम भी अपने अंदर रखते है इस इंद्र धनुषी दुनिया मे रंगों को हम जैसे ही भरते है #NojotoQuote लफ़्ज #देहाती
लफ़्ज #देहाती
read moreकुछ लम्हें ज़िन्दगी के
हर लफ़्ज़ में नज़्म सी झलकती है ज़िन्दगी तू इत्र इत्र सी महकती है । कल्ले की रोटी सी खुशबू लिए तू मेरे इधर -उधर मटकती है। ( कल्ले- मिट्टी का तवा ) भरी पड़ी साँसे किसी मटके में बूँद बूँद ज़िन्दगी सुराख़ से रिसती है। मेरा राब्ता टूट जाता है रब से तू मुझमें इतना क्यों उछलती है । दोनों हाथ फैला के देख चुका हूँ बस हवा हवा ही सीने लगती है। सर पे चुन्नी लिए मिल जाती नुक्कड़ पे मुझ सादे को वो देहाती देहाती सी जचती है। मथ्थे से गिरता हुआ पसीना पहुचाँ गाल पे ठंडी ठंडी सी चाशनी मेरे गले को उतरती है। मैं घूमता हूँ मैं घूमता हूँ बस घूमता हूँ इक बू साथ लिए जो ज़िन्दगी को फ़वती है। दरिया को पत्थर मार के भागे हो कभी लहरें उठ उठ के तुम्हें कोसा करती है । उठता हूँ सवेरे तो आँखें क़भी नहीं मलता इनमें राम राम के पैरों की मिट्टी मिलती है। इस गुड़ में अब वो पहले जैसी बात कहाँ सतिन्दर पर तो कोई मख्खी नहीं दिखती है । ©️✍️ सतिन्दर