Find the Best shukla_ji_writes Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about
Shuklã Jí
जिनके चरणों में चारों धाम, स्वर्ग और जन्नत मिलती है, उन माँ-बाप के बारे में कुछ लिख सके, ऐसी कलम कहाँ मिलती है? - O$HiN ©Shuklã Jí #माँ #पापा #maa #Papa #Shayari #Shayar #Poet #writer #shukla_ji_writes #MothersDay2021...
#माँ #पापा #maa #Papa #Shayari #Shayar #Poet #writer #shukla_ji_writes #MothersDay2021...
read moreShuklã Jí
जिंदगी में कितना मजा हो जाए, गर मुकम्मल होना ही इश्क की सजा हो जाए । ©Shuklã Jí #pyaar #ishaq #mohabbat #shukla_ji_writes ... #wetogether
#pyaar #ishaq #mohabbat #shukla_ji_writes ... #wetogether
read moreShuklã Jí
काश! मिलने वाले कभी ना बिछड़ते । ©Shuklã Jí #shukla_ji_writes #poet #writer ... #Love
#shukla_ji_writes #Poet #writer ... #Love
read moreShuklã Jí
'सनातन' सनातन जो चिर पुरातन काल से चलता आ रहा है, जिसके ऊपर हर वैज्ञानिक शोध बिठा रहा है, सनातन संस्कृति को पृथ्वी का स्वर्ग बताया जाता है, इस संस्कृति को तो पूरी दुनिया में पूजा जाता है, सनातन जो हर सनातनी की आँखों का तारा था, सनातन जो हर सनातनी को प्राणों से प्यारा था, सनातन वो डूब गया है अंधविश्वास की खाई में, नहीं ढूंढता अब कोई ईश्वर अंतर्मन की गहराई में। वह समय जब सनातन अलबेला था हर निष्पापी के घर ब्रह्म विद्वानों का मेला था, नहीं रहे हैं अब वो ब्राह्मण फंस गये कामवास के जाल में, इसीलिए सनातनियों को दर्पण दिखलाता फिरता हूँ -2 मैं सनातन धर्म के दिल की धड़कन गाता फिरता हूँ -2 सनातन था जहाँ सुगंध थी माँ तुलसी की पतवारी में, सनातन था जहाँ प्रेम था बच्चों की किलकारी में, सनातन था जहाँ अधर्म के झंडे उखाड़े जाते थे, सत्य और धर्म के नित्य झंडे गाडे जाते थे, सनातन था जहाँ अधर्मी तुरंत टोक दिये जाते थे, ना माने तो परलोक के द्वार खोल दिये जाते थे, गंगा मैया जब पवित्र होती थी, हर स्त्री भी पवित्र होती थी, पतिव्रता का पालन वो करती थी, यमुना, सरस्वती भी स्वच्छ सी बहती थी, मैं नदियों के पानी को ललकार बनाता फिरता हूँ -2 मैं सनातन धर्म के दिल की धड़कन गाता फिरता हूँ -2 सनातन था जहाँ देवता चँदा, सूरज, तारे थे, अधर्म, असत्य के प्रति हर दिल में अंगारे थे, सनातन था जहाँ असुर, अधर्मी सब थर्राते थे, धर्म के झंडे सनातनी इस धरती पर लहराते थे, सनातन था जहाँ विभीषण और भीष्म शर्मिंदा थे, नारी का अपमान देखकर भी धर्म के पालक जिंदा थे, विद्वान होकर भी विभीषण डरपोक सा दिखता था, प्रतिज्ञा से नहीं भीष्म कर्मों से बंधा सा दिखता था, सनातन था जहाँ अधर्म का शीश झुकाया जाता था, कभी रावण तो कभी कौरवों को मार गिराया जाता था, इसीलिए सनातनियों को दर्पण दिखलाता फिरता हूँ -2 मैं सनातन धर्म के दिल की धड़कन गाता फिरता हूँ -2 - O$HiN ©Shuklã Jí #Poet #poem #Poetry #writer #Shayar #shukla_ji_writes ... #hinduism #सनातनी_संस्कृति #सनातनी ... #shootingstars
#Poet #poem #Poetry #writer #Shayar #shukla_ji_writes ... #hinduism #सनातनी_संस्कृति #सनातनी ... #shootingstars
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited