लगे न लगे कोई नैया किनारा ,
तुमको पुकारूँ वापस है आना ,
इतनी क्यों दूरी है तुमसे मोहन ?
डूबती जाती क्यों नैया हमारा ?
#boat#darpanpremka Sethi Ji Rakhie.. "दिल की आवाज़" kiran kee kalam se Kavi Himanshu Pandey प्रज्ञा प्यार पर कविता कविता कोश हिंदी दिवस पर कविता कविताएं हिंदी कविता