Nojoto: Largest Storytelling Platform

Download good_morning_ Status, Shayari, Quotes

Beautiful Picture of Sunrise #good_morning_quotes

Nojoto

  • 1559 Stories
  • Popular
  • Latest
  • Video
dc45cc1e7dbaacf620eae9f737c3e3a4

Narendra kumar

White निज घट बसहूं, 
घट- घट के स्वामी।
हनुमान प्रिय, 
हनुमान के स्वामी।

©Narendra kumar #good_morning_quotes
ace2314abdc8f2cbd6f1e5b20bc5d25b

Shiv Narayan Saxena

White छठ पूजा की धूम है, भरि-भरि लेहु असीस।
खाय  नहाय  बरत  करै,  घाट  नवावै  सीस।।

छठ  पूजा  की  धूम  से, घाट  हुए गुलज़ार।
सूरज की पूजा किहे, खुशियां मिलें अपार।।

कठिन बहुत उपवास यह, अरघ रबी को देत।
उगे  ढले  रबि  पूजियत, छठ मैया  सुध लेत।।

छठ पूजा पर हार्दिक शुभकामनाएं.
🙏🌺

©Shiv Narayan Saxena #good_morning_quotes छठ पूजा पर हार्दिक शुभकामनाएं.

#good_morning_quotes छठ पूजा पर हार्दिक शुभकामनाएं. #Poetry

dc7b87dd815e43cd6d2ac26d15a2fe12

VED PRAKASH 73

White अहंकार हमारा भ्रम है जो जिंदगी को पूरा नहीं
 देख पाता है उसको ये भ्रम पैदा हो जाता है कि 
मैं कुछ हूं लेकिन मैं हूं क्या यह कोई नहीं जानता
 इसलिए मैं कुछ हूं यह एक भ्रम से ज्यादा कुछ
 नहीं है जिस दिन हम ये समझ जाएंगे कि मैं
 जीवन का सबसे बड़ा झूठ और भ्रम है उसी
 समय से जीवन अनंत की ओर अन्मुख 
हो जाएगा... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73 #सूत्र
d498a772e554fe3e5549781427f4a74f

Shabnam Priya

White थोड़ा सोचूँ फिर एक बात लिखूं  , 
जज्बात लिखूं या हालात लिखूं... 

तेरे इश्क को अपने साथ लिखूं  , 
या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं... 

तुझे देखुँ फिर तेरी बात लिखूं  , 
तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं... 

तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं  , 
या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं... 

तुझे दिन या खुद को रात लिखूं  , 
बता आज कौन - सी बात लिखूं...!!

©Shabnam Priya
9bdd85308492000916bb71b49fec7eaa

dhalta bachpan

White मैं झांकता हूं।
ताकता नहीं हूं।

©dhalta bachpan #good_morning_quotes  अच्छे विचारों

#good_morning_quotes अच्छे विचारों

527832705fd1d8215d9eb2ebd85206f1

कृतांत अनन्त नीरज...

White 
विज्ञान का रहा मैं छात्र हूँ 
लेकिन भक्ति भाव का सुपात्र हूँ 
भौतिकता से भी मुझे प्यार है 
मूल में किंतु आध्यात्मिक संस्कार है
प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई करी है मैंने
लेकिन औपचारिक सीमाओं में बंधता नही 
अगर जो "मर्यादा" स्वयम के  सिद्धातों से जोड़ दु
तो फिर उनसे मैं कभी डिगता नही...
जानता हूँ कि अनमोल हूँ मैं अपने विचारों सहित 
लेकिन आजीविका हेतु व्यवसाय में "मोल" को जान रहा हूँ
बिना बोले किसी से चुपचाप ही
मैं अलग अलग व्यक्तित्व का तौल पहचान  रहा हूँ...
प्रत्येक मानव मेरे लिये असीम क्षमताओं का ब्रह्मांड है
इसी attitude से हम Evergreen Global Brand है 
राजनीति भी मुझे भाती है लेकिन
सुन्दर कविता लिखे बिना नींद नही आती है
कभी बन गम्भीर विचारक 'दर्शन" में खो जाता हूँ
फिर Gym पर बनाकर body मैं आराम से सो जाता हूँ
बहुत तर्क करने की कला भी रहती है मुझमें 
आस्था से लेकिन अपना जीवन मैंने बुन लिया है 
जवानी में स्त्री सुख पाने के विकल्प भी बहुत  है
लेकिन मैंने तो 
पवित्र प्रेम के "अखण्ड संकल्प" को चुन लिया है...

📝Founder Of "पवित्र भारत महाअभियान"
Creator Of भारत 2047 Super Power Mission...!🇮🇳

The One and Only✅

©कृतांत    अनन्त नीरज... #good_morning_quotes
487dfedddd8f752c72a0b3f2ed0e1696

RjSunitkumar

White સવાર ના પહોર નો પેલો સૂર્ય પણ
સપના ભણી દોટ મૂકવાની બાકી છે
એનો આભાસ પ્રત્યેક દિવસ કરાવે છે...

©RjSunitkumar
  #good_morning_quotes
9bdd85308492000916bb71b49fec7eaa

dhalta bachpan

White सच में दुनिया,तमाशा देखना चाहती है।
इसलिए मुझे ना देख पाई!क्योंकि में तमाशा नहीं हूं।

©dhalta bachpan #good_morning_quotes
dc7b87dd815e43cd6d2ac26d15a2fe12

VED PRAKASH 73

White अब जलेबी की तरह जो उलझ गई है जिंदगी 
तो चल कर कंही चाशनी में डूबा जाए जहन
 में उसे अब तक जिंदा रखा है इस तरह मौत 
को हराया है मैंने... -मिथिलेश बारिया

©VED PRAKASH 73 #गोल_चबूतरा
fcd436e8bd3e339583042f4a5fa2e49b

Riyanka Alok Madeshiya

White कभी-कभी
--------------
कभी-कभी
बस यूँ ही बैठे-बैठे
मैं गुम हो जाती हूँ
एहसासों की एक अनोखी दुनियाँ में
अन्त से भयहीन-
मैं खड़ी होती हूँ; आरम्भ पर
एक अस्तब्ध नदी होती हूँ
जो ऊंचे शिखर से निकाल कर, 
विशालकाय समुद्र में मिल कर, 
अपना आकार दोगुना कर रही होती है
एक पंछी होती हूंँ
जो निर्बाध हवाओं को चीरती हुई, 
अपने परों से आसमान को खुरच रही होती है
वहाँ की अन्तहीन हरियाली तो  जैसे
ऊपर के नीले रंग को 
अपनी रंगत से फीका कर रही होती हैं
उस हरियाली के सबसे ऊँचे हिस्से पर
लगे हुए झूले में; झूलते समय
मेरे पैरों के अंगूठे बादल छू रहे होते हैं
जिसके कारण बादलों में छुपा , 
जल- कण नीचे आ कर के
हरे रंग की गहराई बढ़ा रहा होता है
उन रम्य क्षणों में मैं-
मैं अपने सारे गुनाहों से मुक्त
और दर्द से बेसुध होती हूँ
 जीवन के सारे संघर्ष लापता होते हैं
उस अनोखी दुनियाँ के शब्दकोश में, 
असम्भव शब्द ही अनुपस्थित होता है
सौंदर्य युक्त उन क्षणों से-
 मुझे इतना मोह  हो आता है कि-
इच्छा होती है ; पिघल जाऊँ
और रम जाऊॅं ;उस सागर में, 
उस हरियाली में ,उन बादलों में
और बस वही की होकर रह जाऊँ
बस यूँ ही बैठे-बैठे
कभी-कभी मैं.... 

      रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya #Kabhi #Sapna
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile