मन के उसरित कण-कण को हरियाली से भर...देना तुम, कविताओं से सिंचित करके उन्हें अमर.....कर देना तुम... पछुवा जब-जब चलती है पत्ते 🌿भी झुलसाये से रहते, प्रेम से प्रेम अलग ना हो सदा उर को हुलसाये से रहते! फसलें पनपे यूं भावों से रिश्तों को जोडे़ रखना तुम... दुवाओं में मेरे पंख लगे स्वप्नों में उँची.........उडा़न हो, जो ना कर पाये अब तक ऐसी उर्मिल लाडो़ पहचान हो! मौसम चाहे जितना बदले स्वयं को थामे रखना तुम... ©kumar ramesh rahi #हिन्दीकविता #मन #दुवाओं #लाडो #मौसम #बदले #तुम #testimonials to Shilpa yadav मेरी प्यारी गुड़िया रानी तुम्हारे लिए,,,,,,👸💞👍 #standAlone