मैं लिखता था, मैं लिखता हूँ, मैं लिखता ही रहूँगा, जब तक आसमां मैं तुझे छू ना लूं, मैं यूंही उडता रहूँगा । मैं ख्वाब देखता था, मैं ख्वाब बुनता हूँ, मैं ख्वाब देखता ही रहूँगा ये तेज हवाएं, कितनी भी मुझसे टकराये, लेकिन मैं तो अपनी मंजिल पाकर ही रहूँगा। Ishq Lyrics