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लाजवाब उपाय एक बार कविता ने अपनी दोस्त नेहा से कहा

लाजवाब उपाय
एक बार कविता ने अपनी दोस्त नेहा से कहा यार मेरी सास ननद से खूब उलटी सीधी बुराई करती रहतीं हैं उस पर मेरी ननद हमेशा समझाने की जगह उनको और भड़काती रहती हैं। ननद तो मुझसे भी यही कहती हैं कि उनकी मां बहुत अच्छी हैं मैं ही गलत हूं। समझ नहीं आता कि क्या करूं।
नेहा ने कहा कुछ नहीं अबकि तुम्हारी ननद जब भी कहें मेरी मां बहुत अच्छी हैं तो तुम बस इतना ही कहना
" अच्छा भगवान करे आपकी बेटी को भी आपकी मां जैसी सास मिले"
कुछ दिन बाद ही ननद का आना हुआ। ननद ने  हमेशा की तरह कविता से वही कहा मेरी मां बहुत अच्छी है कहीं और होतीं तो समझ में आ जाता। कविता तो इस बात का ही इंतजार कर रही थी उसने नेहा वाली बात थोड़ी हिम्मत कर आखिर कह ही दी।
क्या बोल रही हो कविता मेरी बेटी के लिए तुम्हें ऐसी बद्दुआ देने की हिम्मत कैसे हुई- ननद बोली
हिम्मत मैंने ऐसा क्या कहा दीदी हर बेटी अपनी सास में अपनी मां ही ढूंढती है और अब आपको तो जो सास मिलनी थी मिल गई तो आपकी बेटी को नानी जैसी सास मिलें इसमें बुरा क्या है। मैं भी तो किसी की लाड़ली बेटी ही हूं और मैं भी तो चाहती थी कि मेरी मां जैसी ही प्यारी सास भी मिलें जैसे वो मेरी भाभी का ध्यान रखतीं थीं उनके बिना भोजन भी नहीं करतीं थीं पर मेरी किस्मत में नहीं थीं और मेरी तो बेटी के लिए भी मैं यही चाहती हूं कि उसकी नानी जैसी सास मिले। और बद्दुआ कैसे आपकी मां जब अच्छी हैं तो आपकी बेटी को वैसी ही सास मिलें।
ननद 🤐👯 अपनी मां के कमरे में चली गई मगर फिर उसने कविता को उपदेश देना बंद कर दिया।
😃😃😌😄😄

Shalini Saxena

©Shalini geetika #Lajwab # लाजवाब उपाय
लाजवाब उपाय
एक बार कविता ने अपनी दोस्त नेहा से कहा यार मेरी सास ननद से खूब उलटी सीधी बुराई करती रहतीं हैं उस पर मेरी ननद हमेशा समझाने की जगह उनको और भड़काती रहती हैं। ननद तो मुझसे भी यही कहती हैं कि उनकी मां बहुत अच्छी हैं मैं ही गलत हूं। समझ नहीं आता कि क्या करूं।
नेहा ने कहा कुछ नहीं अबकि तुम्हारी ननद जब भी कहें मेरी मां बहुत अच्छी हैं तो तुम बस इतना ही कहना
" अच्छा भगवान करे आपकी बेटी को भी आपकी मां जैसी सास मिले"
कुछ दिन बाद ही ननद का आना हुआ। ननद ने  हमेशा की तरह कविता से वही कहा मेरी मां बहुत अच्छी है कहीं और होतीं तो समझ में आ जाता। कविता तो इस बात का ही इंतजार कर रही थी उसने नेहा वाली बात थोड़ी हिम्मत कर आखिर कह ही दी।
क्या बोल रही हो कविता मेरी बेटी के लिए तुम्हें ऐसी बद्दुआ देने की हिम्मत कैसे हुई- ननद बोली
हिम्मत मैंने ऐसा क्या कहा दीदी हर बेटी अपनी सास में अपनी मां ही ढूंढती है और अब आपको तो जो सास मिलनी थी मिल गई तो आपकी बेटी को नानी जैसी सास मिलें इसमें बुरा क्या है। मैं भी तो किसी की लाड़ली बेटी ही हूं और मैं भी तो चाहती थी कि मेरी मां जैसी ही प्यारी सास भी मिलें जैसे वो मेरी भाभी का ध्यान रखतीं थीं उनके बिना भोजन भी नहीं करतीं थीं पर मेरी किस्मत में नहीं थीं और मेरी तो बेटी के लिए भी मैं यही चाहती हूं कि उसकी नानी जैसी सास मिले। और बद्दुआ कैसे आपकी मां जब अच्छी हैं तो आपकी बेटी को वैसी ही सास मिलें।
ननद 🤐👯 अपनी मां के कमरे में चली गई मगर फिर उसने कविता को उपदेश देना बंद कर दिया।
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Shalini Saxena

©Shalini geetika #Lajwab # लाजवाब उपाय