White अंधियारे की हामी भरते, परछाई का पीछा करते, दूर चले जाते सूरज से, गुमनामी की राह पकड़ते, सोचा नहीं किसी ने होगा, बदनामी में आगे बढ़ते, रिश्ते सही निभा लेते तो, होशियार सा साथी बनते, किस्मत थी बेहाल हमारी, बदहवास कैसे ना मरते, सोचा अंबर फूल खिलाता, आसमान से ख़ुश्बू झरते, चाँद सितारे आकर 'गुंजन', कायनात में ख़ुशियाँ जड़ते, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #परछाई का पीछा करते#