˶ मोहब्बत कौन करता है सियासत कौन करता है! मुझे मालूम है मेरी हिफ़ाज़त कौन करता है!! लुटा हो कारवाँ जिस का उजालों के शहर में अँधेरी रात चलने की ख़ताएँ कौन करता है । गिला-शिकवा नहीं कोई मगर सब कुछ समझता हूँ बुझाने को दिए मेरे हवाएँ कौन करता है । ज़माने में किसी से अब वफ़ाएँ कौन करता है यहाँ सब ज़ख़्म देते हैं दवाएँ कौन करता है यहाँ इंसान की छोड़ो परिंदे भी समझते हैं मोहब्बत कौन करता है जफ़ाएँ कौन करता है किसी से भूल कर भी अपना दर्द बयाँ मत करना यहाँ माँ के अलावा अब दुआएँ कौन करता है हमीं ने लाज रखी है बुज़ुर्गों की यहाँ वरना! सभी टुकड़ों पे पलते है बग़ावत कौन करता है!! ©Saeed Anwar #शायरानाअंदाज #शायराना_सफ़र #ग़ज़ल #BookLife