मुझसे दूर हो कर जब भी वो आइने में अपनी नत्थुनी देखती होगी मुझको वो जरूर याद करती होगी मैं उसकी यादों में बहुत कुछ लिख जाता हूँ लिखते लिखते खुद को नागपुर से लखनऊ कर जाता हूँ उसको भी कुछ तो फ़र्क पड़ता होगा इस जुदाई का बस उसकी नत्थुनी और मेरी क़लम ही सहारा हैं इस दूरी का #NojotoQuote मुझसे दूर हो कर जब भी वो आइने में अपनी नत्थुनी देखती होगी मुझको वो जरूर याद करती होगी मैं उसकी यादों में बहुत कुछ लिख जाता हूँ लिखते लिखते खुद को नागपुर से लखनऊ कर जाता हूँ उसको भी कुछ तो फ़र्क पड़ता होगा इस जुदाई का बस उसकी नत्थुनी और मेरी क़लम ही सहारा हैं इस दूरी का