तुम नहीं जानते, मेरा हाल ए दिल, जी रहा हूँ सिर्फ साँसों के बोझ तले, बाकी तो उस वक़्त ही मर गया था, जब तू चली गई थी मुझे तन्हा छोड़कर। तुम नहीं जानते, इस दिल की कशमकश, दिखती है तेरी ही छवि आँखों के सामने, गूँजती है तेरी ही आवाजें घर की दीवारों में, आँसू भी मेरे अब हो गए बेगाने। तुमने तो मुँह मोड़ लिया मुझसे, लेकिन कुदरत ने भी मुँह मोड़ लिया, तू थी तो एक बहार सी थी मेरी जिंदगी में, तेरे जाने के बाद तन्हाइयों की आंधी चली, और छा गया अंधेरा मेरी कायनात मे। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-973 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।