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समाज सवाल कपड़ों पर उठाते हैं खुद चड्डी- बनियान में

समाज सवाल कपड़ों पर उठाते हैं
खुद चड्डी- बनियान में माँ ,बहन, बेटी,  बहू और तमाम औरतों के सामने जीवन बिताते है
क्या इन से स्त्रियों की उत्तेजना नही बढ़ती
हमने तो कभी नही सुना  किसी स्त्री ने किसी पुरूष का बलात्कार किया
चड्डी बनियान या हाफ पैंट के वजह से
उनमें भी तो उत्तेजना होती है
पुरुषों के मुकाबले कंही ज्यादा
फिर स्त्रियां पुरुषों का बलात्कार क्यों नही करती
सत्य तो ये है कि स्त्रियां हमेशा से उपभोग की वस्तु समझी जाती रही है
पतृसत्ता  और पुरूषवादी वर्चस्व यही सोच बच्चों में बचपन से भरी जाती है
समाज sex और gender तो समझते नही
उन्हें बस परम्परा का ज्ञान होता है
जानने की इच्छा नही लेकिन बनी बनाई कुरीतियों को मानने को ब्याकुल रहते
जब तक बात अपनो पर नही आती तब तक नैतिकता और सदाचार की पाठ पढ़ाते
खुद चड्डी- बनियान में जीवन बिताते
और सवाल लड़कियों के कपड़ों पर उठाते।
दोगली सोच

©Arun kr. #कपड़े
समाज सवाल कपड़ों पर उठाते हैं
खुद चड्डी- बनियान में माँ ,बहन, बेटी,  बहू और तमाम औरतों के सामने जीवन बिताते है
क्या इन से स्त्रियों की उत्तेजना नही बढ़ती
हमने तो कभी नही सुना  किसी स्त्री ने किसी पुरूष का बलात्कार किया
चड्डी बनियान या हाफ पैंट के वजह से
उनमें भी तो उत्तेजना होती है
पुरुषों के मुकाबले कंही ज्यादा
फिर स्त्रियां पुरुषों का बलात्कार क्यों नही करती
सत्य तो ये है कि स्त्रियां हमेशा से उपभोग की वस्तु समझी जाती रही है
पतृसत्ता  और पुरूषवादी वर्चस्व यही सोच बच्चों में बचपन से भरी जाती है
समाज sex और gender तो समझते नही
उन्हें बस परम्परा का ज्ञान होता है
जानने की इच्छा नही लेकिन बनी बनाई कुरीतियों को मानने को ब्याकुल रहते
जब तक बात अपनो पर नही आती तब तक नैतिकता और सदाचार की पाठ पढ़ाते
खुद चड्डी- बनियान में जीवन बिताते
और सवाल लड़कियों के कपड़ों पर उठाते।
दोगली सोच

©Arun kr. #कपड़े
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Arun kr.

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