White शीर्षक - चमन यह अपना, वतन यह अपना ------------------------------------------------------------------ चमन यह अपना, वतन यह अपना। आबाद रहे कल भी, घर यह अपना।। अपनी ये खुशियां, अपनी ये मौजें। रोशन रहे कल भी, जीवन यह अपना।। चमन यह अपना----------------------।। तुमको क्या मिलेगा, ऐसे लड़ने से। दुश्मनी ही बढ़ेगी, ऐसे लड़ने से।। छोड़ो हठ यह तुम, भूलों दुश्मनी तुम। जिन्दा रहे कल भी, याराना यह अपना।। चमन यह अपना--------------------।। गंगा- यमुना की यह, पवित्र जलधारा। प्रहरी वतन का, यह हिमालय हमारा।। सीखें हम सब भी, इनसे सरफरोशी। सलामत रहे कल भी, वजूद यह अपना।। चमन यह अपना--------------------।। नेक मंजिल हो, अपने मकसद की। सही सोहब्बत हो, अपने जीवन की।। अमन यह अपना, ख्वाब हर अपना। मुकम्मल रहे कल भी, गौरव यह अपना।। चमन यह अपना--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #साहित्यकार