छज्जे पर चढ़कर कोई पुकारे बस हैं तुम्हारे । जो सामने आकर नजरें मिलाए प्यार के हों वो बेखबर इशारे। आँखो में उसका सुरूर चढ़ गया है सामने तो कभी तो आएं। कभी तो मिल जाएं जन्मों के साथी लौट कर फिर न आएंगी बहारें। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी छज्जे पर चढ़कर कोई पुकारे।