आज जो सबसे बड़ी क्रांति घट रही है वह ये क़ि हमारी चेतना विकसित हो कर संवेदनशीलता ग्रहण कर निखर रही है आज कही शूद्र जलाया जाता है तो हमारे मन मे भी कचोट लगती है आज कही अगर किसी दलित स्त्री का भी बलात्कार किया जाता है तो हमें भी अड़चन होती है.. पीड़ा होती है हज़ारों साल हमारी परम्पराओं ने जैसा हमारी चेतना को बंधक बनाया था आज वो वैसी नहीं हैl उसमे कुछ कुछ नई किरण फूटनी शुरू हुई है ये शुभ लक्षण है शुभ लक्षण