अल्लाह मुसलमानो का है ईश्वर हिन्दुओ का है और गॉड ईसाइयो का हुआ तो फिर "आदमी " का कौन. है? *********** मै जनता हूँ तुम शब्दों क़े कायल हो फिलहाल मेरी ख़ामोशी को "दुआ " समझो **********-- अगर आदमी घटना शुरू करे तो एक मुट्ठी राख़ तक मे सिकुड़ सकता है और अग्र्र वो बढ़ना शुरू करे तो समूचा ब्रह्माण्ड भी उसमे समा. सकता है तीन आंशिक अभिव्यक्तिया......