Nojoto: Largest Storytelling Platform

उड़ाओ चाहे झुकाओ मुझे तुम कितना भी कहीं मस्ती में

उड़ाओ चाहे झुकाओ मुझे तुम कितना भी कहीं 
मस्ती में मस्त रहूँगा हमेशा तुम्हारी संग यहीं कहीं 

प्रार्थना तुमसे बस मेरी इतनी सी छोड़ देना भले 
तोड़ना न कभी हमेशा बंधी रहेगी डोर उम्मीद की

जाने कब दया हो जाये तुम्हारी खींच लो डोर मेरी

©Mahadev Son महादेव तुझ संग लगी मेरी प्रीत रे 

#Maha_shivratri
उड़ाओ चाहे झुकाओ मुझे तुम कितना भी कहीं 
मस्ती में मस्त रहूँगा हमेशा तुम्हारी संग यहीं कहीं 

प्रार्थना तुमसे बस मेरी इतनी सी छोड़ देना भले 
तोड़ना न कभी हमेशा बंधी रहेगी डोर उम्मीद की

जाने कब दया हो जाये तुम्हारी खींच लो डोर मेरी

©Mahadev Son महादेव तुझ संग लगी मेरी प्रीत रे 

#Maha_shivratri
investorsenderre2829

Mahadev Son

New Creator