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हे गुरु छूते ही, अंतस की ऊष्म ऊर्जा, स्थिर जीवन को

हे गुरु
छूते ही, अंतस की
ऊष्म ऊर्जा,
स्थिर जीवन को
पुनः प्रवाहित सी करती,
समस्त चक्रों को
जगृत कर, मुझे स्व में
समाधिस्थ करती है... तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी
रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है।
#गर्महाथ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हे गुरु
छूते ही, अंतस की
ऊष्म ऊर्जा,
स्थिर जीवन को
पुनः प्रवाहित सी करती,
समस्त चक्रों को
जगृत कर, मुझे स्व में
समाधिस्थ करती है... तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी
रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है।
#गर्महाथ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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