#MessageOfTheDay *हम जैसा सोचते हैं,जैसे लोगों के साथ रहते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं।* *कदली सीप भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन।* *जैसी संगति बैठिये, तैसोई फल दीन।* *स्वाति नक्षत्र का बूंद कदली में मिलकर कपूर और समुद्र का जल सीपी में मिल कर मोती बन जाता है।वही पानी साॅप के मुॅह में विष बन जाता है।संगति का असर अवश्य ही होता है !* *🙏पंडितजी🙏* ©पण्डित राहुल पाण्डेय *हम जैसा सोचते हैं,जैसे लोगों के साथ रहते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं।* *कदली सीप भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन।* *जैसी संगति बैठिये, तैसोई फल दीन।* *स्वाति नक्षत्र का बूंद कदली में मिलकर कपूर और समुद्र का जल सीपी में मिल कर मोती बन जाता है।वही पानी साॅप के मुॅह में विष बन जाता है।संगति का असर अवश्य ही होता है !* *🙏पंडितजी🙏*