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उंगलियों से अब डोरें कहा संभलती है पतंगें भी हर कि

उंगलियों से अब डोरें कहा संभलती है
पतंगें भी हर किसी से नही संभलती है -क्षणिक #पतंगे #उंगलियां #खिचड़ी #मकरसंक्रांति
उंगलियों से अब डोरें कहा संभलती है
पतंगें भी हर किसी से नही संभलती है -क्षणिक #पतंगे #उंगलियां #खिचड़ी #मकरसंक्रांति