बाज़ार में न चलने वाला हर एक सिक्का खोटा नही होता अर्थी पर लेटा हुआ हर शक़्स सोता नही होता आज लाखों की भीड़ के काफिले होंगे तुम्हारे पीछे मगर बदनसीबी में कोई भी अपना नही होता सदैव याद रखना Nojoto News