मैंने सच लिखना छोड़ दिया कलम की ये मार बड़ी तेज लगती है, सच हर बार कांटो में बंधी दिखती है, जितना उभरी उतना ही मुझे उधाड़ दिया, बस इसी खौफ में मैंने सच लिखना छोड़ दिया। सच का भार सबसे भारी लगता है, कभी तो रेत में बैलगाड़ी लगता है, लोगों ने सच के पुतले को सरेआम फूंक दिया, बस इसी सोच से मैंने सच लिखना छोड़ दिया। सच का ना कोई रंग है ना कोई रूप, किसी के लिए खूबसूरत तो किसी के लिए कुरूप, बस गम में आके लोगो ने साथ छोड़ दिया, यही समझ के मैंने सच लिखना छोड़ दिया। मैंने सच लिखना छोड़ दिया #yqbaba #uqdidi #yqtales #uqdada #yqdada #yqhindi #yqbhashkar #yqsach