इस ज़ुल्म क़े साथ साथ एक और ज़ुल्म भी हो रहा हैँ मनचाही नस्ल की बजाय अनचाही नस्ल का पैदा होते जाना इस बढ़ती जा रही अनचाही नस्ल का कहीं भी किसी कोभी फ़िक्र नज़र नहीं आती न रब को न लोगो को......... अनचाही नस्ल ( imroj)