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तुम्हारी बाहें, जैसे मेरे सुकून की दुनिया, लगता है

तुम्हारी बाहें,
जैसे मेरे सुकून की दुनिया,
लगता है एक अपनापन,
जब होता हूंँ तेरी बाहों में।

इत्तेफ़ाक से मिली मुझे,
लेकिन बढ़िया मिली हो,
बाट लेती हो मेरा दुःख दर्द,
और देती हो तसल्ली मुझे।

बाहों का दायरा बढ़ा के,
समा ले मुझे उसमें ही,
जिंदगी मिली है  पल दो पल की,
तो ना जुदा करना खुद से कभी। — % & ♥️ Challenge-842 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ Happy Hug Day ♥️

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तुम्हारी बाहें,
जैसे मेरे सुकून की दुनिया,
लगता है एक अपनापन,
जब होता हूंँ तेरी बाहों में।

इत्तेफ़ाक से मिली मुझे,
लेकिन बढ़िया मिली हो,
बाट लेती हो मेरा दुःख दर्द,
और देती हो तसल्ली मुझे।

बाहों का दायरा बढ़ा के,
समा ले मुझे उसमें ही,
जिंदगी मिली है  पल दो पल की,
तो ना जुदा करना खुद से कभी। — % & ♥️ Challenge-842 #collabwithकोराकाग़ज़

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