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मानो कृष्ण ने सुभद्रा के सिर थपकी प्यार से दी! गू

मानो कृष्ण ने सुभद्रा के सिर
थपकी प्यार से दी! 
गूँजने लगती है जब फिज़ाओं में
एक वीर की आस, लगता है न जाने किसने आवाज़ दी!
वीर के हृदय से निकली स्नेह की बरसात,
मानो अंबर ने मेरे मन की वात्सल्यता पहचान ली!
कभी कभी सूने हृदय में लगता है,
किसने आवाज़ दी? स्नेह मिले कृष्ण से भाई का, हो सुभद्रा सी कद्रदान बहन कोई.. 
झँरोखे में बहती हवा लगता है किसीने आवाज़ दी... 
ऐसा लगता है, ये धुंध नहीं 
किसी की आवाज़ ग़ुबार है जो फ़िज़ा में फैला हुआ है।
#आवाज़ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #dedicated_to Shivaji soni
मानो कृष्ण ने सुभद्रा के सिर
थपकी प्यार से दी! 
गूँजने लगती है जब फिज़ाओं में
एक वीर की आस, लगता है न जाने किसने आवाज़ दी!
वीर के हृदय से निकली स्नेह की बरसात,
मानो अंबर ने मेरे मन की वात्सल्यता पहचान ली!
कभी कभी सूने हृदय में लगता है,
किसने आवाज़ दी? स्नेह मिले कृष्ण से भाई का, हो सुभद्रा सी कद्रदान बहन कोई.. 
झँरोखे में बहती हवा लगता है किसीने आवाज़ दी... 
ऐसा लगता है, ये धुंध नहीं 
किसी की आवाज़ ग़ुबार है जो फ़िज़ा में फैला हुआ है।
#आवाज़ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #dedicated_to Shivaji soni