जो अपना न हो उस पे हक़ जताना नहीं रिश्ता अगर एकतरफा हो तो निभाना नहीं आसानी से औरों के राज़ बयां कर देता है जो हमराज़ हरगिज़ उसे बनाना नहीं हकीकत अगर दर्द दे तो सह लेना झूठे दिलासों से ख़ुद को बहलाना नहीं सुना है किये का सिला भी यहीं मिलता है बस बेवजह किसी को सताना नहीं बारिशों से महफूज़ हो, तूफां से बेख़बर दे देना पनाह उसे भी,जिसका कोई ठिकाना नहीं मिलते नहीं आसानी से हमदर्द यहां बेहतर की तलाश में उसे गंवाना नहीं आज़मा कर देखेगें फिर कभी किसी को अब बेवफ़ा सारा ज़माना तो नहीं यकीन बहुत है उसे कि तुम सिर्फ उसके हो सुनो! कभी किसी और के हो जाना नहीं यहां बेबसी के तमाशे बनाए जाते हैं हर किसी को अपनी तकलीफ़ बताना नहीं जो निभा सको ताउम्र तक तो बेशक़ करो मोहब्बत बस ऐसे ही किसी के साथ वक़्त बिताना नहीं कोई गुमराह कर जाए हकीकत से अब इतनी बेख़बर तो "राना" नहीं कोई गुमराह कर जाए हकीकत से अब इतनी बेखबर तो "राना" नहीं...#हमराज़ #रिश्ते #वक़्त #पनाह #ठिकाना #हकीकत