मत रोइयो रे माई अगर तेरे लाल को शहादत मिलें, जान से बढ़कर देश मेरा और ये देश सदा सलामत रहें।।। ओ माई मेरी,तू फ़िक्र ना कर क्यों तेरे आंखों से दरिया बहता है, तू कहती थी तेरा चांद हूं मैं और चांद हमेशा रहता है। ओ माई मेरी,तू पोंछ ले आंसू क्यों तेरे सीने में है सैलाब उठा, ये तो तेरी खुशकिस्मती है, जो तेरे लाल का किस्मत जाग उठा। मेरे मरने की खबर जब तुझे आएगी कुछ तो लोग तुझे तसल्ली देने आयेंगे रोने की जगह तू मुस्करा देना तेरे साथ मेरे जिस्म के चीथड़े मुस्कुराएंगे। ओ बापू मेरे,तू भी खुश रहना कभी अपना मन छोटा ना करना तू कहता था मैं हूं तेरा राजा बेटा कभी राजा का गरिमा कम ना करना। ओ बापू मेरे,तेरी छाती चौड़ी होगी, जो तेरा बेटा देश के काम आया, तेरे अच्छे कर्मों का परिणाम है ये जो शहादत का संदेश मेरे नाम आया। आऊंगा मैं लौट के फिर ढलती हुई किसी शामों में रंगीन सुबहों में खेत के फैसलों में. मुंडेर पे बैठी चिड़िया चहचहाएगी आऊंगा मैं लौट के फिर जब बसंती हवा गुनगुनाएगी। ओ देश मेरा! तेरी शान ना झुके हर जनम को तुझ पे वार दूं, तेरी मिट्टी जुड़ी हस्ती मेरी मैं तेरी मिट्टी का कर्जदार हूं. ओ देश मेरा, तू फले-फुलें तेरे बाग कभी उजड़ ना पाएं तेरे ऋतुओं को कर दूं सदाबहार मुड़ के आइंदा पतझड़ ना आएं. desh bhakti