हम तो भारत वासी है ************** राम,कृष्ण और बुद्ध भूमि पर जन्म के हम अभिलाषी है युग-युग हो सौभाग्य हमारा ज्ञान-धर्म अधिशासी है रहे अखंड अविरल गंगाजल हम कुछ यूं उल्लासि है आज ये कहने आया हूँ कि हम तो भारतवासी है....2 छद्म नही, निर्मल है काया द्वंद नही,विश्वास की छाया मस्तक ऊंचा "हिम" खंड सा त्याग पुरुष, सन्यासी है सिंधु की माटी में पनपा सदा अमर अविनाशी है गंगा के उर्वर तट सजकर काशी के हम वासी है आज ये कहने आया हूँ कि हम तो भारतवासी है....2 हम जप-तप और पाप-पुण्य के मार्ग चले वो कृत छाया हैं हमने सागर मंथन करके लक्ष्मी और अमृत पाया है हम संतान भरत के ऐसे सिंह दांत जो गिन आया है हम हैं धर्म सनातन निश्चल कण कण ईश्वर विश्वासी है आज ये कहने आया हूँ कि हम तो भारतवासी है....2 शून्य को साकार किया और विज्ञ ज्ञान को अपनाया धरती की नाभि से लेकर अम्बर तक जिसकी छाया मूक बृक्ष में प्राण जो देखा पत्थर में ईश्वर पाया हम वेद के अथक रचेता रावण बंसज के नाशी है आज ये कहने आया हूँ कि हम तो भारतवासी है....2 दिलीप कुमार खाँ''अनपढ़" #sunrays हम तो भारतवासी हैं