वो शाम कितनी मस्त होती थी ना जब हम चार दोस्त एक ठिकाने पर मिलते थे जो शाम हमारी होती थी और पानी पुरी केे नाम होती थी वो काली मंदिर की सेल्फी और l k jha केे गली का ठिकाना वो श्रुति का wait करबाना और निशा का उसपे चिल्लाना पक्का मेकअप करती होगी, उसके पैरो में तो मेहंदी लगी हैं... फिर श्रुति का आना और उसी पे चिल्लाना.. हम सब का एक साथ हो जाना उसपे साक्षी की वो पागल सी बाते उसपे हम सभी का खिलखिलाना वो पानी पुरी की दुकान बाली मस्ती और उसपे हमारा बार बार कहना अंकल, और तीखे बनाना, थोड़ी और प्याज डालना वो भी क्या दिन थे, ना ना टेंशन, ना परेशानी केबल हमारी वो मस्ती की कहानी जो अब नही रही, सब अपनी मंजिल की ओर चल दिए कुछ पाने केे लिए कुछ खो दिए अब बस व्हाट्सप्प की वो बातें बची हैं तस्वीर केे रुप मैं यादें बची है और बची है तो केबल वो यादे जो स्टेटस मैं सजाते थे स्क्रीनशॉट...🤗