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बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात

बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है

_____©® गणेश सिंह जादौन बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है
बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है

_____©® गणेश सिंह जादौन बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है