मुलाक़ात के दिनों में वो मन को दबाए बैठे हैं मेरे दोस्त कुछ इस तरह से रिश्तों को निभाए बैठे हैं, उनके घर जाने से तो कभी हम भी नहीं कतराए पर आज हमने कुछ बोला और वो उसे दिल से लगाए बैठे हैं। #नासमझ