जाने तू कहाँ है.... जाने तू कहाँ हैं, उड़ती हवा पे, तेरे पैरों के निशान देखें। रह कर ज़मी पर ,इन आँखों ने, आसमां में तुझे तारे सा जगमगाते देखें। ख़्वाब सी सजी है जिंदगी मेरी, तुझे सूरज सा उगता और ढलता देखें। जब भी याद आती है तेरी, तुझे उन तारों में मेरी निगाहें देखें। खड़ी शाम को छत पे गुमनाम सी, कैसी है हमारी कहानी की अधूरी दास्तां देखें। जो रह गई अधूरी सी कहानी मेरी, उसी को पूरी करने को मेरी कलम रास्ता देखें। जाने तू कहाँ है।