Nojoto: Largest Storytelling Platform

दुःख से बोझिल सभी यहाँ हैं हम फिर कहाँ अकेले हैं म

दुःख से बोझिल सभी यहाँ हैं हम फिर कहाँ अकेले हैं
मन में घोर एकाकीपन है बाहर- बाहर मेले हैं

दूर दूर से भली भलाई पास रहो दुखदाई है
सुख हो दुःख हो, अच्छा या बुरा जीवन में क्या स्थायी है?

©Rohit Kumar(R.K) दुःख से बोझिल सभी यहाँ हैं हम फिर कहाँ अकेले हैं
मन में घोर #एकाकीपन है बाहर- बाहर मेले हैं

दूर दूर से भली भलाई पास रहो दुखदाई है
सुख हो दुःख हो, अच्छा या बुरा जीवन में क्या स्थायी है?

#findingyourself
दुःख से बोझिल सभी यहाँ हैं हम फिर कहाँ अकेले हैं
मन में घोर एकाकीपन है बाहर- बाहर मेले हैं

दूर दूर से भली भलाई पास रहो दुखदाई है
सुख हो दुःख हो, अच्छा या बुरा जीवन में क्या स्थायी है?

©Rohit Kumar(R.K) दुःख से बोझिल सभी यहाँ हैं हम फिर कहाँ अकेले हैं
मन में घोर #एकाकीपन है बाहर- बाहर मेले हैं

दूर दूर से भली भलाई पास रहो दुखदाई है
सुख हो दुःख हो, अच्छा या बुरा जीवन में क्या स्थायी है?

#findingyourself