धाक उसकी सैकड़ों में थी, गिनती उसकी शहर के बड़े-बड़ों में थी, दफ़न हुआ वो महज़ छः फीट के गड्ढे में, हालांकि ज़मीने उसके नाम कई एकड़ों में थी। :- अज्ञात/Anonymous I have read this shayari from Facebook showing reality of todays life. With due thank to those who written this (I don't know that is why given credit to अज्ञात/anonymous). #धाक