(इक अधूरी नज़्म) महफ़िलों में अक्सर तेरी जब भी बातें होंगी, लोगों की जुबां पर जब भी नाम तुम्हारा आएगा, जब लोग मुझसे पूछेंगे कि रिश्ता क्या है तेरा-मेरा, उस वक़्त में मैंने सोचा है कुछ भी नहीं कहूँगा मैं। कुछ पंक्तियाँ हैं अधूरी सी। जाने कब होंगी पूरी। ~ इकराश़ #YqBaba #YqDidi #अधूरी_नज़्म #इकराश़नामा