हम किसी विचारधारा क़े विचारहीन अनुयायी मात्र हैँ और हम किसी विचारधारा की कोटशन पर ही जीते हैइसका मतलब ये हुआ कि हमने निर्विचार. की यात्रा पर अभी पहला. कदम भी नहीं रखा हैl. जबकि अविचार से निर्विचार की यात्रा पर ही हमें ध्यान की शुरुवाद करनी है ©Parasram Arora बिचार. अविचार और निर्विचार imination