दिल का दीपक बुझा है मेरे कैसे कहूं दिवाली है। आँखों से वो कत्ल कर गई सूरत भोली-भाली है।। दिल का दीपक बुझा है मेरे कैसे कहूं दिवाली है। आँखों से वो कत्ल कर गई सूरत भोली-भाली है।। #दिल #का #दीपक #बुझा #है #मेरे #कैसे #कहूं #दिवाली #है। #आँखों #से #वो #कत्ल #कर #गई #सूरत #भोली-#भाली #है।। #ललितकुमारगौतम #lalitkumargautam #parnassianscafe